SBI fleet finance under tie-up with Tata Motor Finance Ltd - Business
टाटा मोटर फाइनेंस लिमिटेड के साथ टाई-अप के तहत एसबीआई फ्लीट फाइनेंस
प्रयोजन
- नए वाहनों (छोटे, हल्के, इन्टर मिडिएट, मध्यम, भारी वाणिज्यिक वाहन, यात्री वाहन) जैसे, ट्रक / टैंकर / ट्रेलर / टिपर / ट्रांजिट कंक्रीट मिक्सर / पिकअप / बसें / लक्जरी बसें और यात्री वाहन का वित्तपोषण करना।
- इलेक्ट्रिक/सीएनजी/एलएनजी/हाइब्रिड कमर्शियल व्हीकल्स को भी फाइनेंस किया जा सकता है।
सुविधाएँ
- लक्ष्य समूह : मौजूदा फ्लीट ऑपरेटर और कैप्टिव यूजर (माल, लॉजीस्टिक, सेवाओं या यात्री परिवहन के लिए) मौजूदा व्यक्ति/फर्म/कंपनियां/ट्रस्ट/सोसाइटियां/संस्थान/एलएलपी/एसोसिएशन/ व्यावसायिक उद्यम/ठेकेदार/खान मालिक/बंदरगाह मालिक/ऑपरेटर/एग्रीगेटर आदि, जिनके पास न्यूनतम 10 वाणिज्यिक वाहनों का मौजूदा बेड़ा है।
- उपलब्ध सुविधाएं : मियादी ऋण
- ऋण की मात्रा :
- न्यूनतम: रु. 50 लाख.
- अधिकतम: 50 करोड़ रुपये
- ब्याज दर : प्रतिस्पर्धी ब्याज दर ईबीआर या 6 माह के एमसीएलआर से संबद्ध
- उधारकर्ता का मार्जिन / योगदान :
एलटीवी% एवं मार्जिन आवश्यकता सेग्मेंट चेसिस/प्राइम मूवर पर एलटीवी बॉडी/ट्रेलर पर एलटीवी पूरी तरह से निर्मित वाहनों पर एलटीवी बड़े फ़्लीट मालिक * 100% 70% (मार्जिन 30%) 90% (मार्जिन 10%) स्ट्रेटेजिक ** / सुपर स्ट्रेटेजिक कस्टमर *** 100% 80% (मार्जिन 20%) 95% (मार्जिन 5%) स्ट्रेटेजिक कैप्टिव यूजर 100% 40% (मार्जिन 60%) 90% (मार्जिन 10%) - बीमा, आरटीओ पंजीकरण, एएमसी, विस्तारित वारंटी, अन्य शुल्कों के लिए वित्तपोषण नहीं किया जाएगा। इसे ग्राहक द्वारा वहन किया जाना है।
- (* बड़े फ़्लीट मालिक: जिसके पास 10-25 वाणिज्यिक वाहन हैं, ** स्ट्रेटेजिक फ़्लीट मालिक: जिसके पास 25-50 वाणिज्यिक वाहन हैं, सुपर स्ट्रेटेजिक फ़्लीट मालिक: जिसके पास 50 से अधिक वाणिज्यिक वाहन हैं)।
- चुकौती अवधि :
- 5 माह की अधिस्थगन अवधि सहित अधिकतम 72 माह। ईएमआई के आधार पर चुकौती।
- प्रोसेसिंग फीस/अपफ्रंट फीस : 0.20% + कर
- अन्य प्रभार : अवधि पूर्व चुकौती : 2 वर्ष तक, बकाया राशि का 4%।
2 वर्ष से अधिक, बकाया राशि का 2%। - संपार्श्विक प्रतिभूति : टाइ-अप के तहत शून्य।
- विशिष्टताएँ :
- मौजूदा फ्लीट ऑपरेटर (माल या यात्री) जिनके पास उसी क्षेत्र में 3 वर्ष या उससे अधिक का अनुभव है।
- मौजूदा फ्लीट ऑपरेटरों/व्यक्तियों/प्रमोटरों द्वारा शुरू की गई नई इकाइयों पर भी विचार किया जा सकता है जो 3 वर्ष या उससे अधिक समय से परिवहन कार्यकलापों से संबद्ध हैं।
- फ्लीट ऑपरेटर जिनके पास न्यूनतम 10 वाहनों का फ्लीट मौजूद है।
- वे परिवहन संचालक जिनके पास राष्ट्रीय/राज्य मार्ग परमिट एवं अन्य आवश्यक परमिट/लाइसेंस/अनुमोदन है।
- टीएमएफएल के साथ टाइ अप की पात्रता के लिए के लिए उधारकर्ता को स्कोरिंग मॉडल के तहत न्यूनतम 50% स्कोर प्राप्त करना चाहिए।
- मुख्य प्रमोटरों/साझेदारों/निदेशकों का न्यूनतम सिबिल स्कोर 650 होना चाहिए।
पात्रता
- इस क्षेत्र में 3 वर्ष या उससे अधिक के अनुभव वाले मौजूदा फ्लीट ऑपरेटर (माल या यात्री)
- फ्लीट ऑपरेटर जिसके पास कम से कम 10 वाहनों का मौजूदा फ्लीट /बेड़ा है अथवा जिन्हें न्यूनतम 10 नए वाहनों की आवश्यकता है अथवा न्यूनतम ऋण राशि 50 लाख रुपए।
- राष्ट्रीय/राज्य मार्ग परमिट और अन्य आवश्यक परमिट/लाइसेंस/अनुमोदन रखने वाले परिवहन ऑपरेटर।
- मौजूदा बैंकों/वित्तीय संस्थाओं के साथ संतोषजनक ट्रैक रिकॉर्ड।
- आयकर निर्धारिती (व्यक्तिगत और व्यावसायिक)
- टीएमएफएल के साथ गठजोड़ के तहत पात्र होने के लिए ऋणी को स्कोरिंग मॉडल के तहत न्यूनतम 50% स्कोर प्राप्त करना होगा
- मुख्य प्रवर्तकों/साझेदारों/निदेशकों का न्यूनतम सिबिल स्कोर 650 होना चाहिए।
Last Updated On : Friday, 09-02-2024
ब्याज दर
2.70% प्रति वर्ष.
से प्रभावी>3.00% प्रति वर्ष.
10 करोड़ रुपए व अधिक, 15.10.2022 से प्रभावी
2.70% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ से कम शेष राशि
3.00% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ और अधिक शेष राशि
एसएमई ऋण
हिंदुजा लेयलैंड फाइनांस लिमिटेड के साथ टाई-अप के अंतर्गत फ्लीट फाइनांस
आस्ति समर्थित ऋण – वाणिज्यिक स्थावर संपदा
सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण सुरक्षा
टाटा मोटर फाइनेंस लिमिटेड के साथ टाई-अप के तहत एसबीआई फ्लीट फाइनेंस
टाटा मोटर्स लिमिटेड के साथ टाई-अप के तहत एससीवी फाइनेंस
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ टाई-अप के तहत एससीवी फाइनेंस
सतत योजना के तहत "संपीड़ित बायो गैस (सीबीजी)
स्टार्ट-अप के लिए वित्त (एमएसएमई उड़ान)
ट्रेड रिसीवेबल डिस्काउंटिंग सिस्टम (ट्रेड्स)
SBI EV Mitra: Finance to EV Public Charging Infrastructure
Criteria
- Features
- Eligibility
- Terms and Conditions
ब्याज दर
2.70% प्रति वर्ष.
से प्रभावी>3.00% प्रति वर्ष.
10 करोड़ रुपए व अधिक, 15.10.2022 से प्रभावी
2.70% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ से कम शेष राशि
3.00% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ और अधिक शेष राशि