एसएमई गोल्ड लोन - Business
एसएमई गोल्ड लोन
प्रयोजन: प्रोपराइटर के सोने के गहनों/आभूषणों को गिरवी रखकर एमएसएमई इकाइयों (केवल प्रोप्राइटरशिप फर्म) को झंझट मुक्त वित्तीय सहायता प्रदान करना ताकि किसी सामान्य व्यावसायिक उद्देश्य हेतु फंड आधारित आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके।
सुविधाएँ
- लक्ष्य समूह :
- एमएसएमई इकाइयां (केवल प्रोपराइटरशिप फर्म) जो सोने के गहने/ आभूषण (मौजूदा / नए) को गिरवी रखकर ऋण प्राप्त करना चाहती हैं।
- इकाई/दुकान चालू हालत में हो।
- मौजूदा उधारकर्ता जिन्होंने अन्य बैंकों के साथ कार्यशील पूँजी की व्यवस्था की हो, उन्हें यह सुविधा प्रदान नहीं की जाएगी।
- उपलब्ध सुविधाएं : ओवरड्राफ्ट (ओडी)/डिमांड लोन (डीएल)
- ऋण की मात्रा :
- न्यूनतम : > 1 लाख रुपये
- अधिकतम: 50 लाख रुपये
बशर्ते यह सोने के अग्रिम मूल्य से अधिक न हो
- ब्याज दर : ईबीआर + 0.40%
- उधारकर्ता का मार्जिन / योगदान : शून्य
- चुकौती अवधि :
- ओवरड्राफ्ट : अधिकतम 12 माह। मांग पर देय। लागू ब्याज का भुगतान मासिक अंतराल पर किया जाए।
- डिमांड लोन : अधिकतम 36 माह, जिसकी समीक्षा प्रत्येक 12 माह के पश्चात की जाएगी।
- समान मासिक किस्तों (ईएमआई) में चुकाया जाएगा।
- प्रोसेसिंग फीस/अपफ्रंट फीस : रु.5.00 एवं लागू कर
- अन्य प्रभार : डिफ़ॉल्ट अवधि के लिए अतिदेय राशि पर मौजूदा ब्याज दर के अतिरिक्त 5% प्रतिवर्ष।
- संपार्श्विक प्रतिभूति : सोने के गहने/आभूषण बैंक में गिरवी रखना
- विशिष्टताएँ
Last Updated On : Friday, 09-02-2024
ब्याज दर
2.70% प्रति वर्ष.
से प्रभावी>3.00% प्रति वर्ष.
10 करोड़ रुपए व अधिक, 15.10.2022 से प्रभावी
2.70% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ से कम शेष राशि
3.00% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ और अधिक शेष राशि
एसएमई ऋण
हिंदुजा लेयलैंड फाइनांस लिमिटेड के साथ टाई-अप के अंतर्गत फ्लीट फाइनांस
आस्ति समर्थित ऋण – वाणिज्यिक स्थावर संपदा
सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋण सुरक्षा
टाटा मोटर फाइनेंस लिमिटेड के साथ टाई-अप के तहत एसबीआई फ्लीट फाइनेंस
टाटा मोटर्स लिमिटेड के साथ टाई-अप के तहत एससीवी फाइनेंस
महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ टाई-अप के तहत एससीवी फाइनेंस
सतत योजना के तहत "संपीड़ित बायो गैस (सीबीजी)
स्टार्ट-अप के लिए वित्त (एमएसएमई उड़ान)
Criteria
- Features
- Eligibility
- Terms and Conditions
ब्याज दर
2.70% प्रति वर्ष.
से प्रभावी>3.00% प्रति वर्ष.
10 करोड़ रुपए व अधिक, 15.10.2022 से प्रभावी
2.70% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ से कम शेष राशि
3.00% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ और अधिक शेष राशि