जीवन प्रमाणपत्र/डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (जीवन प्रमाण)
भारत सरकार ने 10 नवंबर, 2014 को पेंशनभोगियों के लिए "जीवन प्रमाण" नाम से एक "आधार आधारित डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र" लॉन्च किया है। यह पहल, पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाणपत्र को अपनी सुविधानुसार पेंशन भुगतान करने वाली शाखा या बैंक की किसी भी शाखा में प्रस्तुत करने की वर्तमान प्रणाली के अतिरिक्त है।
पेंशनर, jeevanpramaan.gov.in पर “लोकेट सेंटर” पर दिए गए विवरण अनुसार नजदीकी सीएससी केंद्र, बैंक की शाखा या किसी भी सरकारी कार्यालय में जाकर अपना आधार नंबर और पेंशन बैंक खाते से संबंधित अन्य पेंशन विवरण देकर अपना बायो-मैट्रिक माध्यम से अपना जीवन प्रमाण पत्र वास्तविक समय पर प्रमाणित कर सकते हैं।
डिजिटल लाइफ प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के बाद, पेंशनभोगी को उसके मोबाइल पर लेनदेन आईडी सहित एसएमएस आएगा। पेंशनर अपने रिकॉर्ड के लिए इस लेन-देन आईडी का उपयोग करके jeevanpramaan.gov.in से कंप्यूटर जनित जीवन प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकेंगे।
पेंशनभोगी यदि चाहें तो अपना भौतिक जीवन प्रमाण भी प्रस्तुत कर सकते है, उसे स्वीकार किया जाता रहेगा।
चूंकि यह पूरी प्रक्रिया मुख्य रूप से आधार पर आधारित है, पेंशनभोगी द्वारा प्रस्तुत डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र को केवल तभी प्रमाणित किया जा सकेगा जब पेंशनरों के खाते को उनके आधार नंबर के साथ लिंक किया गया हो।