SBICB Hyderabad - Strategic Training Unit
स्टेट बैंक स्टाफ कॉलेज
स्टेट बैंक स्टाफ कॉलेज
हमारे बारे में
भारतीय स्टेट बैंक की प्रशिक्षण यात्रा की शुरुआत हैदराबाद के स्टेट बैंक स्टाफ कॉलेज में 1961 में हुई था। आधी सदी से भी अधिक समय से यह शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान, अधिकारियों के कई बैचों के लिए आकर्षक बैंक कैरियर का प्रस्थान बिंदु रहा है । यह संस्थान, बैंकिंग उद्योग में बदलते रुझानों और स्टेट बैंक अधिकारियों की कई पीढ़ियों, जिन्होंने एसबीआई और बैंकिंग उद्योग के स्तर को काफी ऊंचा बनाए रखा , की प्रशिक्षण जरूरतों को पूरा करते हुए खुद भी विकसित होता रहा है
। बैंकिंग और वित्त उद्योग तेजी से बदल रहा है, जो अपने साथ बैंक विपणन और ग्राहक संबंधों के पारंपरिक दृष्टिकोण में व्यापक परिवर्तन लाते हुए ग्राहक केंद्रित डोमेन में नई चुनौतियां भी प्रस्तुत कर रहा है । अब ग्राहक केवल अच्छे उत्पाद के आकर्षण में बने नहीं रहते क्योंकि बैंकिंग की सम्पूर्ण प्रक्रिया में ही अथाह परिवर्तन देखा जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप बैंक ग्राहक सम्बन्धों में भी आमूल-चूल परिवर्तन हो रहे है ।
बैंकिंग उद्योग के 'ग्राहक युग' में घटित हो रहे महत्वपूर्ण परिवर्तनों ने पारंपरिक कक्षा प्रशिक्षण को प्रभावित कर इसे एक इमर्सिव और ज्ञानार्जन अनुभव में बदल दिया है, जो तकनीक सक्षम नए तरीकों पर आधारित है।
स्टेट बैंक स्टाफ कॉलेज, सहभागिता करने वाले संस्थानों की जरूरतों के अनुरूप बैंकिंग के विविध क्षेत्रों में, विशेष रूप से उपभोक्ता बैंकिंग के क्षेत्र में, कार्यक्रमों को अनुकूलित करने के अलावा, प्रशिक्षण सामग्री और उसके डेलीवरी को अधिक सार्थक शिक्षण अनुभव की दिशा में परिष्कृत कर, वर्तमान बाजार रुझानों और प्रबंधन विचारों के लिए खुद को अनुकूल बनाने में अग्रणी रहा है ।
हमारे इस आईएसओ : 9001:2015 अनुपालित संस्थान का संचित विश्वास है 'सीखना-सिखाना-सीखना', जिसमें हमारा संकाय किसी कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों के समान ही सीखते रहते हैं । संस्थान में योग्य, निपुण और अनुभवी संकाय की एक मजबूत टीम कार्यरत है, जो प्रतिभागियों को बैंकिंग के 'उपभोक्ता युग' से रूबरू कराने में पूरी तरह सक्षम है
श्री सत्यब्रत महापात्रा, (महाप्रबंधक एवं निदेशक, स्टेट बैंक स्टाफ कॉलेज)
श्री सत्यब्रत महापात्रा एक प्रतिष्ठित बैंकिंग व्यावसायिक हैं जिन्होंने अपने 33 वर्षों के लंबे बैंकिंग कैरियर में विभिन्न कार्यभार पर सफलतापूर्वक काम किया है। आप वर्तमान में स्टेट बैंक स्टाफ कॉलेज, हैदराबाद में महाप्रबंधक एवं निदेशक पद पर पदस्थ हैं। एक मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि और खुदरा व्यापार, सहायक व्यवसाय, अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रणाली में व्यापक विशेषज्ञता के साथ, श्री महापात्र ने भारतीय स्टेट बैंक में विविध नेतृत्व भूमिकाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उनकी रणनीतिक कुशाग्रता और उत्कृष्टता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता उन्हें न केवल बैंक के लिए बल्कि पूरे बैंकिंग उद्योग के लिए एक अत्यधिक मूल्यवान परिसंपत्ति बनाती है।
प्रबंधन टीम – स्टेट बैंक स्टाफ कॉलेज के निदेशक को एक प्रबंधन टीम द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता जिसमे निम्न उप-महाप्रबंधक शामिल है :
श्री अजय अय्यर वर्ष 1986 में एसबीआई में शामिल हुए थे। उन्हें स्टेट बैंक में विभिन्न असाइनमेंट, जैसे एग्री फाइनेंस, रिटेल एसेट्स और एसएमई क्रेडिट का विशदअनुभव प्राप्त है। उन्हें एसबीआईएचआरडी (चेतना) में संकाय के रूप में काम करने का भी एक्सपोजर है। स्टेट बैंक स्टाफ कॉलेज, हैदराबाद में उन्होने 23.05.2022 को उपमहाप्रबंधक (रिसर्च एंड एडमिन) के रूप में योगदान दिया हैं। उन्हें बैडमिंटन और क्रिकेट खेलने में रुचि है, और वे थिएटर गतिविधियों (हिंदी) और संगीत के प्रेमी है ।
एम जोसेफ क्रिस्टी की नियुक्ति बैंक में 1994 में हुई थी एवं उन्हें 2001 में प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया गया था । वे वाणिज्य में स्नातकोत्तर और फायनान्स में एमबीए है, साथ ही उन्होने ICWAI (इंटर) और CAIIB भी उत्तीर्ण किया है । बैंक में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें विभिन्न क्षमताओं में विभिन्न शाखाओं में काम करने का अनुभव प्राप्त है । वे स्टेट बैंक ज्ञानार्जन केंद्र, नुंगाम बक्कम, चेन्नई सर्कल में संकाय सदस्य के रूप में काम कर चुके है और व्यवहार विज्ञान सत्रों में उन्हें विशेषज्ञता हासिल है । एसबीएससी में शामिल होने से पहले वह पिछले 5 वर्षों से क्षेत्रीय प्रबंधक थे । उन्होंने जहां भी काम किया वहां वे अच्छी टीम बनाने एवं उत्कृष्ट प्रदर्शन सुनिश्चित करने में सफल रहे है।संगीत सुनने एवं पढ़ने में वे काफी रुचि रखते है ।
एसबीएससी में संकाय
सैनिक स्कूल, भुवनेश्वर के पूर्व छात्र रवीन्द्र मोहंती ने 1990 में बैंक ज्वाइन किया था। उनकी योग्यताओं में ईटीसी में इंजीनियरिंग डिप्लोमा, कंप्यूटर एप्लीकेशन में पीजी डिप्लोमा, आर्ट्स ग्रेजुएशन, पीजी डिप्लोमा इन फाइनेंशियल एड्वाइजिंग, आईआईबीएफ से केवाईसी एंड एएमएल, एसएमई, ट्रेड फाइनेंस में सर्टिफिकेशन और सीएआईआईबी शामिल हैं । उन्हें बैंकिंग संचालन और प्रीमियम बैंकिंग सेवाओं में समृद्ध अनुभव है। उन्हें खुदरा ऋण और विपणन क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल हैं ।
विज्ञान स्नातक सूर्य प्रकाशम 1988 में बैंकिंग उद्योग से जुड़े। उन्हें ब्रांच ऑपरेशंस, रिटेल तथा कॉर्पोरेट क्रेडिट और एसएमई बिजनेस स्पेशलाइजेशन में काम करने का लंबा अनुभव है। वे भारतीय बैंकिंग और वित्त संस्थान के एसोसिएट सदस्य हैं। एमएसएमई क्रेडिट और ऑडिट में उन्हें विशेषज्ञता हासिल हैं।
जी वेंकटेश्वर राव की शैक्षणिक योग्यताओं में B.Sc, B.Ed, PGEMP, CAIIB, एडवांस डिप्लोमा इन वेल्थ मैनेजमेंट शामिल हैं । उन्होंने 1995 में बैंक ज्वाइन किया था। उन्होंने एसएमई, रिटेल और एमसीजी क्षेत्र के साथ-साथ फैकल्टी में भी विभिन्न क्षमताओं में काम किया है । उनकी विशेषज्ञताओं में विपणन और रणनीति शामिल है और वे पढ़ना पसंद करते हैं।
परिमल कुमार झा ने 1998 में एसबीआई ज्वाइन किया था। उन्होने अर्थशास्त्र (आनर्स) में स्नातक और श्रम और समाज कल्याण में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त किया है, साथ ही उन्होने CAIIB भी किया हुआ है । उनके पास दिल्ली और बेंगलुरु जैसे प्रमुख केंद्रों में काम करने का एक्सपोजर है। वह रिटेल क्रेडिट के एक्सपर्ट हैं।
दीपक कुमार चौधरी वर्ष 2007 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक सेवा आरंभ की। उनके पास बैचलर ऑफ साइंस (केमिस्ट्री) ऑनर्स डिग्री है। उन्होंने एमबीए (बैंकिंग एंड फाइनेंस), सीएआईआईबी, सर्टिफाइड डॉक्यूमेंट्री क्रेडिट स्पेशलिस्ट, एफआरएम भाग-I, सर्टिफाइड एंटी मनी लॉन्ड्रिंग स्पेशलिस्ट, सर्टिफिकेट इन ट्रेड एडवांस आदि जैसे विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी पूरे किए हैं।
उनका मूल सर्कल चेन्नई है। चेन्नई मंडल के अलावा उन्होंने पटना मंडल, उत्तर-पूर्व मंडल और विदेश स्थित कार्यालय (आरबीबी बहरीन) में काम किया है।
क्रेडिट असाइनमेंट के तहत, उन्होंने सीएसओ, रिलेशनशिप मैनेजर (मध्यम उद्यम), मुख्य प्रबंधक (एसएमई और बिजनेस डेवलपमेंट), मुख्य प्रबंधक (एसएमई इंटेंसिव शाखा) और सहायक महाप्रबंधक (सीपीसी) के रूप में उच्च मूल्य एसएमई एडवांस (10.00 करोड़ रुपये से अधिक एक्सपोजर) को संभालने जैसे असाइनमेंट सफलतापूर्वक पूरे किए हैं।
Ms N V N M Kiranmayi, Chief Manager& Faculty joined in Bank as CRA in 2008 and has been promoted as Trainee Officer in 2011. She has done her graduation in Arts and completed CAIIB. She has done various courses from IIBF. She has worked in various capacities as RMPB, Branch Manager and CM RACC. Her hobbies include singing, dancing and listening to music.
सुश्री मानुषी, मुख्य प्रबंधक और संकाय ने 2011 में एक परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुईं। उन्होंने वर्ष 2009 में आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय से मानव संसाधन विकास और वित्त में एमबीए किया । उन्होंने जन संपर्क में विशेषज्ञता के साथ जन संचार में स्नातक किया है। उन्होंने शाखा प्रबंधक और प्रबंधक (संचालन) जैसे विभिन्न क्षमताओं में काम किया है। वह एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो विभिन्न स्तरों पर विभिन्न उद्देश्यों के लिए इनसे जुड़ी रही हैं और कोविड 19 के दौरान उनके द्वारा किए गए 'सामाजिक कार्यों' के लिए उन्हें सर्कल सीएमसी द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है । उन्हें फिल्में देखने , पढ़ने और दौड़ में काफी रुचि है। उन्हें मैराथन दौड़ में कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
मुक्ति प्रकाश बेहरा ने जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, भुवनेश्वर से अपनी एग्जीक्यूटिव पीजीपीएम पूरी की है और पांडिचेरी यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की है । वे यूजीसी -नेट उत्तीर्ण है और रेवेनशॉ यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट में एमफिल है । उन्हें प्रशिक्षण और सेवा वितरण के क्षेत्र में 9 साल का उद्योग अनुभव प्राप्त है और उन्होंने आईबीएम, रिलायंस टेलीकॉम, फर्स्टसोर्स और इंटेल प्राइवेट लिमिटेड जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के लिए काम किया है।
पिछले 6 वर्षों के दौरान अपने अकादमिक करियर को जारी रखते हुए, उन्होंने श्रुष्टि एकेडमी ऑफ मैनेजमेंट, सीवी रमन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस और आईसीएफई बिजनेस स्कूल में सहायक प्रोफेसर (मार्केटिंग डोमेन) के रूप में काम किया है । इन संस्थानों में उन्होने प्रबंधन स्नातकों के लिए उन्नत विपणन प्रबंधन, उपभोक्ता व्यवहार और सेवा विपणन पर इंटरैक्टिव सत्र लेने का कार्य किया हैं। उनकी अकादमिक उपलब्धियों में प्रमुख पत्रिकाओं में अनुसंधान लेख, केस स्टडीज और पुस्तक अध्यायों का प्रकाशन भी शामिल है । संस्थान में उनका मुख्य कार्य बैंक अधिकारियों के लिए प्रभावशाली विपणन संबंधित पाठ्यक्रम का डिजाइन एवं वितरण है।
सुनील कुमार, कॉमर्स में डिग्री प्राप्त करने के बाद फाइनेंस में पीजीडीबीएम किया और 2007 में अहमदाबाद सर्कल में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुए।
उन्हें सीएम रिलेशनशिप मैनेजर रियल एस्टेट (सीएम आरएमआरई) के रूप में 3 वर्षों तक आवासीय बिल्डर वित्त पोर्टफोलियो को संभालने और शाखा प्रबंधक के रूप में 3 वर्षों तक एक गैर-बीपीआर अर्ध शहरी शाखा में पी सेगमेंट, एसएमई, एग्री एडवांस, सरकारी व्यवसाय और करेंसी चेस्ट संभालने का अनुभव प्राप्त है ।
उन्होंने ईपीएफओ और एसबीआई पेंशन, भविष्य निधि और ग्रेच्युटी फंड आदि जैसे सेवानिवृत्ति निधियों की ओर से ऋण बाजार प्रतिभूतियों में निवेश बैंकिंग गतिविधि को संभालने वाले पीएमएस डेस्क अधिकारी के रूप में 4 साल तक ग्लोबल मार्केट्स, केन्द्रीय कार्यालय मुंबई में भी काम किया है।
कृष्णन दिवाकरन 08 मई 2000 को परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुए। उनकी शैक्षणिक योग्यता सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक है। विभिन्न स्तरों पर पिछले 22 वर्षों के कार्यकाल में उनके द्वारा किए गए विभिन्न कार्य डीमैट संचालन, दोहा-कतर में डीलर और संचालन प्रमुख और एसएमई शाखा में शाखा प्रबंधक, एसएआरसी अधिकारी, क्रेडिट अधिकारी हैं। मुख्य प्रबंधक और सहायक महाप्रबंधक के अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने स्थानीय प्रधान कार्यालय में एनपीए प्रबंधन संभाला था। संकाय के रूप में शामिल होने से पहले, वह आरएएसएमईसी में सहायक महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थे। उनके शौक में संगीत सुनना और क्रिकेट खेलना शामिल है
दत्तात्री वी, एक वाणिज्य स्नातक, 1996 में खजांची-कम-क्लर्क के रूप में बैंक में शामिल हुए और 2004 में बैंगलोर सर्कल में अधिकारी संवर्ग में पदोन्नत हुए। उन्होंने मुख्य रूप से संचालन में काम किया है। वह बीपीआर और गैर-बीपीआर दोनों शाखाओं में प्रति, एसएमई, कृषि अग्रिम, सरकारी व्यवसाय और मुद्रा तिजोरी को संभालने वाली विभिन्न शाखाओं में 9 वर्षों तक शाखा प्रमुख रहे। उन्होंने दो अलग-अलग शाखाओं में मुद्रा तिजोरी और सरकारी व्यवसाय शाखाओं में चार साल से अधिक समय तक काम किया है। उन्होंने आई एस सुरक्षा विभाग में तीन साल तक और सीएओ चेन्नई में प्रोग्रामर सह लेखा-परीक्षण प्रसंस्करण अधिकारी के रूप में भी काम किया है।
श्री हिमांशु गौर , मुख्य प्रबंधक (संकाय) लखनऊ मंडल में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में वर्ष 2009 में शामिल हुए। वे विज्ञान में स्नातक हैं और उन्होंने एनआईआईएलएम, सीएमएस नई दिल्ली से विपणन में एमबीए भी किया है। वह पिछले पाँच वर्षों से शाखा प्रबंधक हैं और उनका परिचालन क्षेत्र में बारह वर्षों का अनुभव है। उन्होंने खुदरा ऋण और शाखा प्रबंधन के क्षेत्रों में काम किया है और इनका समृद्ध ज्ञान रखते उन्होंने सीएआईआईबी पूरा किया है और बीएम एडवांस,, खुदरा ऋण और वह ग्राहक सेवा में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम पूरा कर चुके हैं।
अनुराग तिवारी कला स्नातक हैं। वे बैंक (ई-एस बी पी) में लिपिक सह टाइपिस्ट के रूप में वर्ष 1994 में भर्ती हुए थे और वर्ष 2001 में वे प्रशिक्षु अधिकारी बने। वे क्षेत्र अधिकारी, शाखा प्रबंधक (छः वर्ष), खुदरा आस्ति एवं ऋण प्रसंस्करण केंद्र में मुख्य प्रबंधक (संस्वीकृतियाँ) और मुख्य प्रबंधक (विक्रय एवं व्यवसाय विकास) जैसे विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं। वे स्थावर संपदा (आर ई) और खुदरा ऋण क्षेत्रों में रुचि रखते हैं। क्रिकेट और कॉमेडी शो देखने में भी उनकी रुचि है।
कु. दीपा बालाकृष्णन (मुख्य प्रबन्धक ) – संकाय ने वर्ष 2007 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में अपना कार्यग्रहण किया । उन्होने वाणिज्य विषय में स्नातकोत्तर किया है तथा बैंक कार्य ग्रहण उपरांत भारतीय बैंकर्स संस्थान (आईआईबीएफ़) द्वारा आयोजित सीएआईआईबी के परीक्षा भी उत्तीर्ण की है साथ ही आईआईबीएफ़ द्वारा आयोजित विभिन्न विषयों में सर्टिफिकेशन भी प्राप्त किया है। उन्हे शाखा प्रबन्धक के कार्य के अतिरिक्त बैंकिंग परिचालन, खुदरा ऋण, विदेशी मुद्रा बैंकिंग विभाग एवम लघु उदद्योग ऋण में भी कार्य करने का अनुभव है । बैंकिंग कार्य के अलावा उन्हे पुस्तक पढ़ना, लेख लिखना, बागवानी करना एवम पेंटिंग करने में भी रुचि है।
श्री विष्णु वेंकट शिवराजु वर्ष 1998 में बैंक सेवा में शामिल हुए एवम उन्होने बी कॉम की परीक्षा उत्तीर्ण की है । बैंक सेवा में आकर उन्होने (आईआईबीएफ़) द्वारा आयोजित सीएआईआईबी के परीक्षा भी उतीर्ण की है । साथ ही उन्होने आईआईबीएफ़ द्वारा आयोजित विदेशी मुद्रा बैंकिंग एवम वित्तीय जोखिम में भी सर्टिफिकेशन प्राप्त किया है । अपने कार्यकाल के दौरान उन्होने शाखा प्रबन्धक के कार्य के अलावा विपणन, खुदरा ऋण, निगमित ऋण में भी अपनी भूमिका निभाई है । तदुपरान्त स्टेट बैंक स्टाफ कॉलेज में संकाय- (खुदरा/लघु और मध्यम उद्योग ऋण) विभाग में शामिल हुऐ । उनके पास अग्रिम श्रेणी के अधिकारियों में ग्राहक अभिविन्यास की सुविधा करने की प्रतिभा है । एमएसएमई क्षेत्र में उनका अनुभव अधिकारियों को क्रेडिट जोखिम पहचान करने में मदद करता है । बैंकिंग कार्य के अलावा उन्हे पुस्तक पढ़ना, एवम बागवानी करने में भी रुचि है।
श्री अभिनव अग्रवाल, मुख्य प्रबन्धक(संकाय), बैंक सेवा में सन 2010 में शामिल हुऐ । उन्होने मास्टर ऑफ कम्प्युटर एप्लिकेशन में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है । उनके पास शाखा प्रबन्धक के कार्य का अनुभव है और उन्होने अहमदाबाद एवम नई दिल्ली मण्डल के ग्रामीण एवम अर्ध शहरी शाखाओं में शाखा प्रबन्धक के रूप में काम किया है। उनकी रुचि और विशेषज्ञता शाखा प्रबंधन और लेखा परीक्षा के क्षेत्रों में है । बैंकिंग कार्य के अलावा उन्हे कविता लिखना एवम क्रिकेट खेलने में भी रुचि है।
सुश्री ज्योत्सना शर्मा, मुख्य प्रबंधक और संकाय, 2011 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुईं। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग (इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने आईआईबीएफ से सीएआईआईबी पूरा किया है। उन्होंने नॉन बीपीआर शाखा में फील्ड अधिकारी और मुंबई मेट्रो मंडल में 6 साल के लिए शाखा प्रबंधक के रूप में संचालन में विभिन्न क्षमताओं में काम किया है। उन्हें बैंकिंग के विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि चालू खाता बचत खाता में असाधारण बढ़ोतरी, अग्रिम एवं पीबीबीयू व्यवसाय में उत्कृष्ट वृद्धि एवं टीबीयू, ग्राहक मूल्य में वृद्धि अभियान आदि में एवं सर्वोत्कृष्ट कार्य के लिए मंडल के महाप्रबंधक एवं मुख्य महाप्रबंधक द्वारा कई बार सम्मानित भी किया गया है। उन्हें म्यूचुअल फंड व्यवसाय में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रबंध निदेशक (एसबीआई म्यूचुअल फंड) द्वारा भी सम्मानित किया गया है। पढ़ने-लिखने के शौक के कारण उन्हें स्टाफ कॉलेज से जुड़ने का अवसर मिला है।
शोध अधिकारी
मैनेजमेंट में मास्टर्स ग्रेजुएट श्री अभिषेक सिंह ने 2011 में एसबीआई ज्वाइन किया था। उन्हें एमएसएमई बिजनेस, रिटेल क्रेडिट और ब्रांच ऑपरेशंस में ऑपरेशनल अनुभव है ।
मास्टर्स इन बिजनेस इकोनॉमिक्स में स्वर्ण पदक विजेता सुश्री रायबा स्पर्जियन ने 2011 में एसबीआई ज्वाइन किया था । उन्हें खुदरा ऋण में विशेषज्ञता और विशद अनुभव प्राप्त है । रायबा ने कई प्रतिष्ठित बैंकिंग पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित किए हैं।
श्री बहादुर सिंह 2011 में लखनऊ मंडल में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में एसबीआई में शामिल हुए हैं। वह व्यावसायिक अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं। उनके पास शाखा प्रमुख के रूप में 5 वर्षों से अधिक का समृद्ध अनुभव है। उन्होंने खुदरा ऋण, एमएसएमई और लेखा परीक्षा और अनुपालन कार्य का भी अच्छा ज्ञान है।
रूपिंदर कौर सोढ़ी 2009 में एसबीआई में शामिल हुई और उनके पास गणित विषय में विशेषज्ञता हासिल है। उन्होंने खुदरा ऋण और एनआरआई व्यवसाय में परिचालन अनुभव के साथ वित्त और विपणन में व्यवसाय प्रशासन में परास्नातक पूरा किया।
सहायक महाप्रबंधक (अर्थशास्त्री)
बिबेकानंद पांडा के पास आर्थिक और बैंकिंग अनुसंधान में 13 वर्षों का विशद अनुभव है और उन्होने कई अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान परामर्शदाता कंपनियों और बैंकों में कार्य करने के बाद 2013 में एसबीआई में प्रबंधक (अर्थशास्त्री) के रूप में में योगदान दिया । उनकी अकादमिक उपलब्धियों में अर्थशास्त्र में पीएचडी (आईआईटी बॉम्बे) और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एमफिल शामिल हैं । डॉ पांडा स्नातक स्तर पर अर्थशास्त्र में स्वर्ण पदक विजेता है, वित्त में विशेषज्ञता के साथ एमबीए की डिग्री प्राप्त है और यूजीसी-नेट उत्तीर्ण है । वे बैंक की व्यावसायिक इकाइयों (बीयू) की ओर से परिचालन अनुसंधान एवं बैंकिंग और अर्थव्यवस्था से संबंधित विषयगत अनुसंधान करते है । डॉ पांडा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अग्रणी पत्रिकाओं में तीस से अधिक लेख और शोध पत्रों का योगदान दिया है । उन्होंने मैक्रोइकोनॉमिक्स और बैंकिंग में कई प्रतिष्ठित रिसर्च कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है ।
Profile : https://scholar.google.com/citations?user=Gx5ErJUAAAAJ&hl=en&oi=ao
उपलब्ध प्रशिक्षण कार्यक्रम
Webinar Courses Offered Through MS Teams
Who should attend : |
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Employees of all organisations |
Programme Overview : |
COVID-19 initially put a pause on activities and slowly forced activity to come to a standstill. There is a plethora of information circulating on Social Media. There is increasing uncertainty amongst people and employees on what to believe and what not to believe.
- Designed with a view to educate participants on various aspects, DOs & DON’Ts and precautions to be followed - Provides inputs on how to deal with the Mental Stress arising out of prolonged anxiety in an uncertain situation and be Emotionally stable |
Programme Objectives : |
- To acquaint participants with information on COVID-19 - To give inputs on Mental preparedness to live and work in this pandemic situation - To help participants work on Emotional Stability to ensure against attrition / drop in productivity - To help improve preparedness of employees in calamitous situations |
Learning Methodology : |
- One day programme, 3 hours - Interactive Webinar – PPT led instruction, Activity, Video, Quiz |
Online Webseries Offered Through MS Teams
“There is only one Boss – The Customer”
Who should attend : |
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- Relationship Managers - Officers handling retail business |
Programme Overview : |
- More than half the loan portfolio of all banking institutions is geared towards the retail customer - The programme intends to guide participants through an individual’s life journey and his banking needs - Participants are introduced to core marketing concepts, customer onboarding, due diligence and managing customer relationships |
Programme Objectives : |
- To provide practical insights into branch banking products - To acquaint/ reacquaint participants with marketing concepts - To provide and understanding of the difference between product marketing and service marketing - To enable an insight into how to leverage on marketing capabilities for enhancing business potential |
Learning Methodology : |
- 4-day programme - 8 Interactive webinars of 60 minutes each - PPT led instruction, Caselets, Activity, Video, Quiz, Assignments |
Online Webseries Offered Through MS Teams
“Marketing is about building relationships”
Who should attend : |
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- Relationship Managers - Officers handling Corporate / SME clients |
Programme Overview : |
- Starts with providing an understanding of the unique perspective of Corporate Clients and value proposition thereof for creating a value-based relationship - Delves into the environmental factors, i.e., the macro and micro variables that affect the client’s business and how analysing the Need, Want and Demand of corporate clients is crucial in terms of value proposition vis-à-vis banking products - Discusses how to achieve a Client Centric Culture to leverage corporate banking products for a mutually valued outcome - Deliberates on techniques to achieve sustainable client relationship marketing and re-orienting relevant skills of Selling, Negotiation and Persuasion for successful client management |
Programme Objectives : |
- To provide inputs for Acquisition of new customers - To enable relationship managers to realise value in relevant marketing concepts and practices - To provide skills on how services and solutions can be delivered in alignment with the client’s objectives and key strategies |
Learning Methodology : |
- 4-day programme - 8 Interactive webinars of 60 minutes each - PPT led instruction, Caselets, Activity, Video, Quiz, Assignments |
Online Webseries Offered Through MS Teams
“Understanding the Gold Mine”
Who should attend : |
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- Field Officers, Branch Managers, Retail Credit Officers |
Programme Overview : |
- The programme aims at providing an understanding of the borrowing needs of retail clients. - Goes beyond the traditional retail asset products like housing, education and personal loans by also enabling participants to learn how to help customers choose the most appropriate financial solution - Will guide participants to understand not only the Customer Life Cycle but also to develop sensitivity towards anticipating the family needs of a customer - Will provide insights on how to generate leads and convert them into business - The regulatory environment and safeguards for complying with institutional policies are discussed in-depth using a series of inter-connected caselets and situational analyses |
Programme Objectives : |
- Specific focus on borrowing requirements of individuals - How to leverage on marketing capabilities for enhancing business potential - Strategic planning and skill development |
Learning Methodology : |
- 4-day programme - 8 Interactive webinar sessions of 60 minutes each - PPT led instruction, Caselets, Videos, Quiz and Assignments |
Online Webseries Offered Through MS Teams
“Give your Customers more than they expect”
Who should attend : |
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- Officers interacting with Customers |
Programme Overview : |
- There is a paradigm shift in doing business from focusing on customer satisfaction, delight and ecstasy, to simply designing the entire company around the customer. - Competition is shifting from the institution’s perspective to the customer’s perspective, thereby making a meaningful contribution to meet customer needs and requirements. - The Customer Life Journey needs to be the focus of institutional goals for the institution to become truly customer-centric business. - With discussions on physical ambience to emotional connect, the programme moves from customer service through experience to co-creating customer lifetime value. - The programme commences with the challenges & opportunities in retail banking and how understanding the customer Life Cycle helps in enriching the customer journey. - The programme also provides perspectives on how to actualise Customer-Centricity in an organisation, by deliberating upon the need of a customer-centric approach vis-à-vis Customer-Centric Banking model. |
Programme Objectives : |
- Understanding customer journey to evolve strategy, keeping the customer centre-stage - Importance of exceptional customer service – applying techniques for better customer engagement |
Learning Methodology : |
- 3-day programme - 6 Interactive webinars of 60 minutes each - PPT led instruction, Caselets, Activity, Video, Quiz, Assignments |
Online Webseries Offered Through MS Teams
“Understanding the Corporate Customer Journey”
Who should attend : |
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- Relationship Managers / Marketing Managers dealing with Corporate Clients - Officers handling Corporate Accounts |
Programme Overview : |
Evolution of companies to meet changing business demands has brought about a paradigm shift in the way companies are managing their finance planning and operations. This has led to a drastic change in the corporate customer’s expectations from the bank : - The programme endeavours to develop a customer-centric way of doing business that provides a positive client experience to drive repeat business, enhance client loyalty and improve business growth. - The programme commences with a discussion on re-aligning core capabilities of corporate banking with corporate client needs and demands - Focus is on the necessity for adapting to a client-centric culture and the communication process for value proposition & delivery - Deliberations on the need for customer centricity in corporate banking by enabling client-centric banking culture |
Programme Objectives : |
- Understanding customer journey to evolve strategy, keeping the customer centre-stage - Understanding customer expectations - Developing a customer-centric mindset - Providing positive client experience, facilitating retention, Acquisition and Growth of Corporate customer |
Learning Methodology : |
- 3-day programme - 6 Interactive webinars of 60 minutes each - PPT led instruction, Caselets, Activity, Video, Quiz, Assignments |
Online Webseries Offered Through MS Teams
“Abundant Precaution”
Who should attend : |
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- Field Officers, Branch Managers, Retail Credit Officers. - Middle Management officials of Banks and NBFCs involved in Retail lending |
Programme Overview : |
Dealing with stressed assets is an area of concern for Financial Institutions. Documentation and creation of Security is vital in case legal recourse is to be resorted to. - The programme evaluates the steps involved in creation of security and the precautions to be ensured - Modalities involved in creation of security will be discussed threadbare to enable participants to apply in their workplace |
Programme Objectives : |
- To equip banking executives about modes of creating charge on various securities that banks / financial institutions undertake while sanctioning Retail Loans - To equip the participants with the precautions to be taken while creating securities to avoid risk |
Learning Methodology : |
- 2-day programme - 4 Interactive webinar sessions of 60 minutes each - PPT led instruction, Caselets, Videos, Quiz and Assignments |
Online Webseries Offered Through MS Teams
“Connecting the Dots and Dashes”
Who should attend : |
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- Officials dealing in Retail / SME loans. |
Programme Overview : |
- Retail and SME lending is a critical area of business for Financial Institutions and the country due to its ability to spur consumption and create employment opportunities - Diligence in scrutiny and monitoring of the account, post lending, acquires increased importance due to multitude of lenders and the large number of small borrowers The programme delves into the challenges involved in finance to Retail and SME and also the risk mitigation efforts. Programme facilitates putting into action the maxim ‘Prevention is better than cure’ |
Programme Objectives : |
- To help participants to hone their skills in pre / post sanction process - To enable participants to comprehend various concepts under retail loans - To reiterate the importance of effective follow-up, supervision and monitoring of advances |
Learning Methodology : |
- 4-day programme - 8 Interactive webinar sessions of 60 minutes each - PPT led instruction, Caselets, Videos, Quiz and Assignments |
नामांकन पत्र
कार्यक्रम में सहभागिता के लिए नियत तिथि तक srfaculty1.sbsc@sbi.co.in या srfaculty2.sbsc@sbi.co.in को ईमेल द्वारा संलग्न नामांकन फॉर्म भेजें।
भुगतान के तरीके
- निम्न लिंक का उपयोग कर एसबीआई कलेक्ट के माध्यम से:
https://www.onlinesbi.com/sbicollect - एनईएफटी / आरटीजीएस के माध्यम से :
लाभग्राही: SBI Staff College Drawing Account
खाता नं. : 41225638523
बैंक/शाखा : भारतीय स्टेट बैंक, पीबीबी हैदराबाद पब्लिक स्कूल शाखा, हैदराबाद
आईएफएससी कोड:: SBIN0002728 - एसबीआई योनो के माध्यम से :
खाता नं. : 41225638523 बैंक/शाखा: भारतीय स्टेट बैंक, पीबीबी हैदराबाद पब्लिक स्कूल शाखा, हैदराबाद
कर विवरण :
- PAN No. : AAACS8577K
- GSTIN : 36AAACS8577K1ZQ
छूट:
- 15 या उससे अधिक नामांकन के लिए 10% प्रति संस्था
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लोकेसन मानचित्र
6-3-1188, बेगमपेट रोड, हैदराबाद - 500 016, भारत
निकटतम लैंडमार्क: आईटीसी काकतीया होटल/ग्रीनलैंड्स गेस्ट हाउस/मुख्यमंत्री का शिविर कार्यालय
संपर्क नंबर: :
फोन +91 - 40 - 23423776 / 23406725
ई-मेल संपर्क : agmadmin.sbsc@sbi.co.in
इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं
एक्जेक्यूटिव ब्लॉक
सामान्य ब्लॉक
अन्य सुविधाएं
प्रतिभागियों के विचार
- परिसर का माहौल गर्मजोशी भरा है और पाठ्यक्रम काफी अच्छी तरह से डिजाइन किए गए है जो किसी भी कार्यपालक के लिए अपने कार्यस्थल में स्थितियों को संभालने के लिए संरचित तरीके से वृहद दृष्टिकोण प्रदान करते है। - वरिष्ठ अधिकारी, पीएसबी
- प्रत्येक संकाय का अपने विषय पर कमान ,गुणवत्ता और स्पष्टता उत्कृष्ट है । किसी व्यक्ति कोआकलित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कई एचआर टूल्स काफी उपयोगी लगे। इससे पता चलता है कि भारतीय बैंकिंग उद्योग का बड़ा भाई एसबीआई बाकी बैंकों से काफी आगे है । - वरिष्ठ अधिकारी, पीएसबी
- सीखने का अनुभव बहुत अच्छा रहा एवं बैक-होम यूटिलिटी काफी हद तक हासिल की गई ।
- वरिष्ठ सरकारी अधिकारी - विषय कवरेज बहुत प्रासंगिक है और संकाय सदस्यों को विषय का बहुत अच्छा ज्ञान हैं । सत्र बहुत
इंटरैक्टिव हैं। यह हम सभी के लिए सीखने का बहुत अच्छा अनुभव है।
- वरिष्ठ अधिकारी, पीएसबी - कार्यक्रम बहुत जानकारीपूर्ण था। यह किसी वाणिज्यिक बैंक द्वारा सम्पन्न गतिविधियों की एक विस्तृत अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में बहुत सहायक है और इस प्रशिक्षण से उसके बारे में हमारी समझ
अधिक व्यापक हो सकेगी - वरिष्ठ अधिकारी, शीर्ष वित्तीय संस्थान । - यह एक वृहद अनुभव था । पिछले कुछ हफ्तों में मैंने बहुत कुछ सीखा है । इससे मुझे करियर के रूप में बैंकिंग चुनने के लिए सूचना सम्पन्न निर्णय लेने में काफी सहयोग मिलेगा ।
- वरिष्ठ प्रबंधन छात्र
ब्याज दर
2.70% प्रति वर्ष.
से प्रभावी>3.00% प्रति वर्ष.
10 करोड़ रुपए व अधिक, 15.10.2022 से प्रभावी
2.70% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ से कम शेष राशि
3.00% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ और अधिक शेष राशि
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Criteria
- Features
- Eligibility
- Terms and Conditions
ब्याज दर
2.70% प्रति वर्ष.
से प्रभावी>3.00% प्रति वर्ष.
10 करोड़ रुपए व अधिक, 15.10.2022 से प्रभावी
2.70% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ से कम शेष राशि
3.00% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ और अधिक शेष राशि