SBIIT Hyderabad - Strategic Training Unit
स्टेट बैंक नवोन्मेषन एवं प्रौद्योगिकी संस्थान
स्टेट बैंक नवोन्मेषन एवं प्रौद्योगिकी संस्थान
हमारे बारे में:
स्टेट बैंक इंस्टीट्यूट ऑफ इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (एसबीआईआईटी), 1987 में हैदराबाद के ऐतिहासिक शहर में स्थापित, एसबीआई का प्रमुख 'प्रौद्योगिकी और डिजिटल' एपेक्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ATI) है।
आईएसओ 9001:2015 से मान्यता प्राप्त, एसबीआईआईटी आईटी-केंद्रित प्रशिक्षण, अनुसंधान और विकास, नवाचार और ई-लर्निंग के लिए समर्पित है। दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी तरह के पहले संस्थानों में से एक और भारत के बैंकिंग क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में, एसबीआईआईटी ने एसबीआई को पारंपरिक बैंक से डिजिटल बैंक में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एसबीआईआईटी अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है जो कर्मचारियों को संगठन के रणनीतिक विकास में उत्कृष्टता प्राप्त करने और योगदान करने के लिए सशक्त बनाता है। उत्कृष्टता और निरंतर सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध, एसबीआईआईटी बैंकिंग उद्योग की उभरती मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल के साथ कर्मचारियों को लैस करने के लिए नवीनतम तकनीकों और उद्योग की सर्वोत्तम प्रथाओं का लाभ उठाता है। हमारे कार्यक्रम कार्यबल के कौशल, ज्ञान और नेतृत्व क्षमताओं को बढ़ाते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे बैंकिंग उत्कृष्टता और ग्राहक सेवा में सबसे आगे रहें।
संस्थान एसबीआई अधिकारियों के लिए बैंकिंग भूमिकाओं की एक विस्तृत श्रृंखला में विशेष प्रशिक्षण प्रदान करता है, बैंकिंग प्रौद्योगिकी अनुसंधान आयोजित करता है, और अन्य बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कर्मियों को प्रशिक्षण सेवाएं प्रदान करता है।
हमें चुनकर, आपको मिलेगा:
· विश्वसनीय नेतृत्व: उत्कृष्टता की विरासत वाले बैंकिंग संस्थान से सीखें।
· व्यक्तिगत प्रशिक्षण: अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप लक्ष्य-विशिष्ट शिक्षा प्राप्त करें।
· अभिनव शिक्षण: अत्याधुनिक तकनीक और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के साथ संलग्न हों।
· समग्र विकास: एक सर्वांगीण, भविष्य के लिए तैयार पेशेवर बनें।
· विशेषज्ञ मार्गदर्शन: अनुभवी बैंकिंग पेशेवरों की अंतर्दृष्टि से लाभ।
· डिजिटल सशक्तिकरण: फिनटेक, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा, और बहुत कुछ में व्यावहारिक कौशल प्राप्त करें।
श्री रंजन कुमार नायक
( निदेशक, एसबीआईआईटी )
श्री रंजन कुमार नायक ने वर्ष 1991 पारेवीक्षाधीन अधिकारी के पद पर बैंक मे कार्य प्रारम्भ किया, एवम वर्तमान मे आपको 33 वर्षो का बैंकिंग का विस्त्रत अनुभव है । आप बैंकिंग प्रतिभा से पूर्ण एवं विभिन्न क्षेत्रों जैसे बैंकिंग संचालन, तकनीकी विभाग, प्रशिछन, बेंकाइन्सुरेंस,एवं विदेश व्यापार मे अनुभव प्राप्त है । आप विज्ञान विषय मे परास्तनाक एवं सी॰ ए॰आई ॰आई ॰बी ॰ है । इसके अतरिक्त आपने सीआईएसए , एवम ए.सी.ए.एम.एस. परीक्षा उत्तीर्ण है । आपने मुडीस का आई एस ओ प्रमाणिकरण परीक्षा भी उत्तीर्ण किया है।
आपने अंतराष्ट्रीय बैंकिंग के लेखापरीक्षन , अनुपालन और जोखिम अनुभाग का कुशलता पूर्वक प्रबन्धन, मध्य पूर्व ,पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीकी देशो मे सफलता पूर्वक किया है।
आपने महाप्रबंधक एवं निदेशक स्टेट बैंक नवोन्मेषन एवं प्रद्योगिकी संस्थान के पूर्व उप महाप्रबंधक (ब्यवसाय एवं संचालन ) के पद पर 2 अति महत्वपूर्ण मंडलों ( 13 क्षेत्रीय ब्यवसाय कार्यालय एवं 5000 स्टाफ ) पटना सर्कल मे सकुशल प्रबन्धन किया है।
प्रबंधन टीम – एसबीआईआईटी के निदेशक को उप-महाप्रबंधकों के एक प्रबंधन टीम द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है :
श्री पाणिग्राही एक विशेषज्ञ अधिकारी के रूप में वर्ष 2002 में तत्कालीन स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में शामिल हुए थे| वे एक विज्ञान स्नातक होने के साथ साथ एमसीए भी उत्तीर्ण हैं और पीएमपी प्रमाणन सहित कई बैंकिंग प्रमाणपत्र भी सफलतापूर्वक प्राप्त किए हैं | उन्होंने बैंगलोर में आईटी सेवा विभाग में विभिन्न क्षमताओं में कार्य किया है । एसबीआईकैप सिक्योरिटीज लिमिटेड में उपाध्यक्ष-आईटी का दायित्व निभाने के अलावा उन्होने जीआईटीसी, नवी मुंबई में भी सेवाएँ प्रदान की हैं | बैंक में शामिल होने से पूर्व उन्होंने 10 वर्षों तक विभिन्न पदों पर कई प्रतिष्ठित निजी क्षेत्र की कंपनियों में कार्य किया है | एसबीआईआईटी में आने से पूर्व वे जीआईटीसी, बेलापुर, नवी मुंबई में उप महाप्रबंधक, आईटी ऑपरेशंस एंड सेटलमेंट के रूप में कार्य कर रहे थे ।
श्रीमती के.पी. शोभा रानी, परास्नातक एम.बी.ऐ ( मानव संसाधन ) एवं बी.एस.सी ( कृषि ), एम.ए. (पी.पी.एम) वर्ष 1999 बैच की प्रशिछु अधिकारी है ।
आपने 36 वर्षो की कार्य अवधि मे विभिन्न पदों पर जैसे महा प्रबन्धक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, विदेश विनिमय, डिजिटल अधिकारी वित्तीय समावेशन, एवम स्केल 5 तक की शाखाओं मे शाखा प्रबंधक के पदो पर कार्य किया है।
श्रीमती के . पी. शोभा रानी वर्तमान मे उप महाप्रबंधक ( अन्वेषन एवम प्रशाशन ) के पद पर स्टेट बैंक नवोन्मेषन एवं प्रद्योगिकी संस्थान हैदराबाद ,मे 25 जून 2024 से कार्यरत है ।
संकाय:
सुश्री जयश्री ललिता ने 1994 में एसबीआई में योगदान दिया था। उन्हें शाखा संचालन, सामान्य बैंकिंग और आईटी में व्यापक अनुभव है । उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी में समृद्ध अनुभव प्राप्त है और बैंक के लेनदेन को मैनुअल बैंकिंग से प्रौद्योगिकी सक्षम मंच यानी कोर बैंकिंग समाधान में परिवर्तन के दौरान उन्होने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । वे एसबीआई के इंटरनेट बैंकिंग प्लेटफार्मों में विभिन्न सुविधाओं के विकास का भी हिस्सा रही हैं ।
श्री उमाकांत सीवीएस वाणिज्य में स्नातकोत्तर और प्रमाणित लागत लेखाकार हैं। उन्हें भारतीय स्टेट बैंक के सूचना प्रौद्योगिकी विभागों के विभिन्न डोमेनों में कार्य करने का 23 वर्षों का अनुभव प्राप्त है, विशेष रूप से आईटी डिजाइनिंग, विकास और परियोजना प्रबंधन में। एक प्रमाणित सूचना सुरक्षा लेखा परीक्षक होने के कारण उन्हें बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र से जुड़े आईएस और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बहुमुखी अनुभव प्राप्त है । ज्ञान के प्रसार के प्रति उनके जुनून ने उन्हें ट्रेनर की भूमिका चुनने के लिए प्रेरित किया और वर्तमान में वे एसबीआईआईटी- हैदराबाद (एसबीआई का शीर्ष आईटी प्रशिक्षण और नवाचार केंद्र) में बैंकिंग डोमेन से संबंधित आईटी और डिजिटल उत्पादों पर सत्र ले रहे हैं। वे आईएस और साइबर सुरक्षा से संबंधित विभिन्न गतिविधियों जैसे कंटैंट डेवलपमेंट, सत्र लेना और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बैंकों को कॉर्पोरेट प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का कार्य भी देख रहे है ।
श्री सुशील पोरवाल 2007 में परिवीक्षाधीन अधिकारी (पीओ) के रूप में एसबीआई में शामिल हुए। उन्होंने मार्केटिंग और सिस्टम में दोहरी विशेषज्ञता के साथ प्रबंधन (एमबीए) में मास्टर डिग्री हासिल की है। उन्होंने सीएआईआईबी पूरा किया है और आईआईबीएफ से विभिन्न प्रमाणपत्र प्राप्त किए हैं। उनके पास बैंकिंग उद्योग में 15 से अधिक वर्षों का अनुभव है जिसमें शाखा प्रबंधक के रूप में 9 वर्ष शामिल हैं। उनकी रुचि के क्षेत्र डिजिटल मार्केटिंग, डिजिटल ऐप आदि हैं।
श्री रामकृष्ण गुटुला वर्ष 2013 में उप प्रबंधक (सिस्टम) के रूप में बैंक में शामिल हुए। उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स में स्नातकोत्तर किया है। उन्होंने जेएआईआईबी, सीएआईआईबी, आईटी सुरक्षा, साइबर अपराध और धोखाधड़ी प्रबंधन की रोकथाम और सूचना प्रणाली बैंकर में प्रमाणपत्र पूरा किया है। उन्होंने 6 साल तक एलएचओ जयपुर में सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में और फिर 3 साल तक प्रशासनिक कार्यालय, निजामाबाद में आईटी सपोर्ट ऑफिसर के रूप में काम किया।
सुश्री मीनाक्षी जैन एजीएम (संकाय) बीटेक और एमबीए हैं। उन्हें एटीएम ऑपरेशंस और आईटी सपोर्टका व्यापक अनुभव है। उन्होंने सीएम लोकल कमांड सेंटर के रूप में जयपुर सर्किल में एटीएम वर्टिकल स्थापित करने की जिम्मेदारी सफलतापूर्वक संभाली है। उन्होंने प्रशासनिक कार्यालय जयपुर/जोधपुर में विभिन्न कार्यों को संभालने वाले सीएम /एजीएम सिस्टम के पद को संभाला है।
श्री विपिन कुमार ने वर्ष 2010 में भारतीय स्टेट बैंक में मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव के रूप में ज्वाइन किया था। वह एसआईबीएमपुणे से संचालन प्रबंधन में विशेषज्ञता के साथ बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर हैं। वह एक सीएआईआईबी प्रमाणित प्रोफेशनलहैं। उनके पास 12 से अधिक वर्षों का बैंकिंग अनुभव है और उन्होंने लखनऊ और महाराष्ट्र सर्कल में फील्ड ऑफिसर, मैनेजर (एनपीए) और शाखा प्रबंधक की क्षमता में काम किया है। उनका मानना है कि सीखना एक सतत प्रक्रिया है। उनकी रुचि के क्षेत्रों में डिजिटल बैंकिंग और नई प्रौद्योगिकियों के बारे में पढ़ना शामिल है।
श्री एस सतीश कुमार, एजीएम (संकाय) वर्ष 1995 में चेन्नई सर्किल में बैंक में शामिल हुए। उन्होंने क्रिमिनोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की है। उन्होंने डिजिटल बैंकिंग पर सीएआईआईबी और आईआईबीएफ सर्टिफिकेट कोर्स पूरा किया है।
अधिकारी के रूप में अपने 19 वर्षों के कार्यकाल मे, उन्होंने पीईआर / एसएमई / एग्री व्यवसाय वाली शाखाओं मे विभिन्न क्षमताओं में काम किया । उन्होंने सीएम अनुपालन, आरबीओ -2 सलेम के रूप में भी काम किया। उनकी रुचि डिजिटल उत्पादों विशेष रूप से एसबी कलेक्ट / साइट एकीकरण में है।
एसबीआईआईटी में पदस्थापित होने से पहले, वह तंजावुर मुख्य शाखा के एजीएम थे। उनके शौक/रुचि में बैडमिंटन, टेबल टेनिस, क्रिकेट खेलना और संगीत शामिल है।
शाजी नीलकंदन 1995 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम से बीटेक किया है। अक्टूबर 2022 में एसबीआईआईटी में शामिल होने से पहले, उन्होंने कन्नूर शाखा के क्षेत्रीय प्रबंधक, एजीएम (डी एंड टीबी) और एजीएम (शाखा प्रमुख) सहित विभिन्न कार्यों को संभाला। उन्होंने दुबई क्षेत्रीय प्रधान कार्यालय में आरएम-एफआई डेस्क शुरू किया। उन्होंने दो अन्य शाखाओं का नेतृत्व किया और शाखा कम्प्यूटरीकरण और क्रेडिट विश्लेषक के लिए परियोजना अधिकारी के रूप में पदों पर रहे।
शौक में बैडमिंटन और पढ़ना शामिल है।
श्री दीपक कुमार शुक्ला 1997 में एसबीआई में शामिल हुए और उन्हें परिचालन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है और उन्होंने अधिकतर शाखाओं में काम किया है। उनकी रुचि डिजिटल बैंकिंग और बैंकिंग क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी नवाचार में है।
एसबीआईआईटी में शामिल होने से पहले वह सिविल लाइंस शाखा, प्रयागराज में सहायक महाप्रबंधक एसएमई , प्रयागराज प्रशासनिक कार्यालय में स म प्र एसएमई थे । उन्होंने एसबीआईआईटी हैदराबाद में शामिल होने से पहले चंडीगढ़ मण्डल और लखनऊ मण्डल में काम किया है।
श्री बी अरुण चौधरी 2009 में एसबीआई में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे। उनके पास इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में विशेषज्ञता के साथ बीटेक की डिग्री है।
उनके पास शाखा प्रमुख के रूप में 7 साल से अधिक, क्रेडिट में 3 साल, डिजिटल बैंकिंग में 2 साल का अनुभव है। उन्होंने स्केल II, III और IV में 4 अलग-अलग शाखाओं का नेतृत्व किया है।
प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में एसबीआई में शामिल होने से पहले, उन्होंने 4 साल तक सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम किया।
उनकी रुचि के क्षेत्र में डिजिटल बैंकिंग, सीआरएम, बैंकिंग क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियां, साइबर सुरक्षा आदि शामिल हैं।
श्री मज्जी टी तुलसी प्रसाद 2003 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुए। उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय से एमएससी (भौतिकी) में स्नातकोत्तर और केंद्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। उन्होंने आईआईबीएफ से "एसएमई फ़ाइनेंस फॉर बैंकर्स /(बैंकरों के लिए एसएमई वित्त)" में प्रमाणन के साथ-साथ सीएआईआईबी भी पूरा किया है। उन्होंने क्रिसिल से " एडवांस्ड एमएसएमई क्रेडिट एनालिसिस (उन्नत एमएसएमई क्रेडिट विश्लेषण)" में भागीदारी के प्रमाणन के साथ-साथ एशियन स्कूल ऑफ बिजनेस से" प्रबंधन विकास कार्यक्रम" में प्रमाणन , मूडीज एनालिटिक्स से सीआईसीसी (सर्टिफिकेशन इन कमर्शियल क्रेडिट /वाणिज्यिक ऋण में प्रमाणन ) प्राप्त किया। उनको लगभग 21 वर्षों का बैंकिंग अनुभव है, जिसमें से शाखा प्रबंधक, फील्ड अधिकारी और मुख्य प्रबंधक (क्रेडिट व एनपीए) के रूप में विभिन्न क्षमताओं में बैंकिंग परिचालन में 16 वर्ष का अनुभव है। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्रबंधित जीएमईसी (ग्लोबल मनी एक्सचेंज कंपनी एलएलसी) -ओमान में प्रतिनियुक्ति पर मस्कट, ओमान में शाखा प्रमुख के रूप में 3 वर्ष का विदेशी असाइनमेंट सफलतापूर्वक पूरा किया। एसबीआईआईटी के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने एओ पणजी मॉड्यूल के उत्तरी गोवा और दक्षिण गोवा क्षेत्रों में 5 वर्षों के लिए मुख्य प्रबंधक (क्रेडिट और एनपीए) के रूप में काम किया। उनकी रुचि के क्षेत्र में क्रेडिट मैनेजमेंट, डिजिटल बैंकिंग, बैंकिंग क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियां, आईएस और साइबर सुरक्षा आदि शामिल हैं।
एस वी एन मूर्ति 2002 में बैंक में उप प्रबंधक (नेटवर्किंग) के रूप में शामिल हुए। वह कंप्यूटर एप्लीकेशन में स्नातकोत्तर हैं।
उन्हें भारतीय स्टेट बैंक के सूचना प्रौद्योगिकी विभागों के विभिन्न डोमेन में 22 वर्षों का अनुभव है।
उन्होंने सीएआईआईबी, आईटी सुरक्षा, साइबर अपराध और धोखाधड़ी प्रबंधन की रोकथाम, प्रमाणित सूचना प्रणाली बैंकर (CeISB) और आईटीआईएल फाउंडेशन स्तर पर प्रमाणपत्र पूरा किया है।
राजीव रंजन 2001 में एक परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुए। उन्हें जनरल बैंकिंग, एग्री, एसएमई और सी एंड आई एडवांस के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। उन्होंने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र जैसे विभिन्न राज्यों में काम किया। मुंबई में अपने प्रवास के दौरान उनकी शाखाओं में से एक को बैंक की विभिन्न पायलट परियोजना जैसे प्रोजेक्ट लोटस, काउंटरों का सुधार, चालू खाते और बचत खाता फॉर्म में संशोधन, सीईईपी और विभिन्न डेस्क पर एकल लेनदेन निष्पादित करने के लिए आवश्यक समय पर विश्लेषण के लिए मान्यता दी गई थी। बीकेसी में सीएम (सी एंड आई) के रूप में उन्हें एसबीआई में उपलब्ध विभिन्न डिजिटल समाधानों के कार्यान्वयन में व्यापक एक्स्पोज़र मिला। उन्होंने एसबीआई में उपलब्ध डिजिटल समाधान, साइबर अटैक और समकालीन बैंकिंग पर मुंबई के कई कॉरपोरेट्स को संबोधित किया।
श्री दिनेश कोल्ली ने वर्ष 2010 में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में कार्यभार ग्रहण किया। उनके पास कॉमर्स में मास्टर डिग्री (एम.कॉम) और इंश्योरेंस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सीएआईआईबी योग्यता पूरी कर ली है और भारतीय बैंकिंग और वित्त संस्थान (IIBF) से एएमएल और केवाईसी में प्रमाणन प्राप्त किया है।
बैंकिंग उद्योग में 13 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, शाखा प्रबंधक के रूप में 5 वर्षों सहित, वह निरंतर सीखने, ज्ञान अधिग्रहण और प्रसार को व्यक्तिगत और संगठनात्मक विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। डिजिटल बैंकिंग, सीआरएम, उभरती बैंकिंग टेक्नोलॉजीज, आईएस और साइबर सुरक्षा आदि में उनकी रुचि हैं।
शोध अधिकारी
हर्ष सांखला वर्ष 2013 में बैंक में शामिल हुए। उनके पास बैंकिंग उद्योग में 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
उन्होंने प्रबंधन अध्ययन (वित्त) में स्नातकोत्तर किया और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट (बीई मैकेनिकल) हैं। उन्होंने सीएआईआईबी भी पूरा कर लिया है। बैंक में अपनी 10 वर्षों की सेवा में, उन्होंने तीन शाखाओं का नेतृत्व किया और क्रेडिट और संचालन में काम किया।
वह वर्तमान में एसबीआईआईटी के रिसर्च विंग में हैं।
शिक्षाशास्त्र
एसबीआईआईटी में, हम मानते हैं कि प्रभावी शिक्षण के लिए सार्थक शिक्षण को सुविधाजनक बनाने हेतु विविध तरीकों की आवश्यकता होती है। हमारा प्रशिक्षण एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देता है जहां प्रतिभागी सक्रिय रूप से जुड़ते हैं, नए ज्ञान की खोज करते हैं, और उसे लागू करते हैं।
हम शिक्षार्थियों की जरूरतों के अनुरूप रणनीतियों को नियोजित करते हैं, जिसमें छात्र-केंद्रित शिक्षा, प्रौद्योगिकी एकीकरण, रचनात्मक मूल्यांकन, सहयोगी शिक्षण, चिंतनशील अभ्यास, व्यावसायिक विकास और सांस्कृतिक रूप से उत्तरदायी शिक्षण शामिल हैं।
अभिनव शैक्षणिक दृष्टिकोणों का लाभ उठाकर, एसबीआईआईटी बैंकिंग पेशेवरों के लिए प्रभावशाली शिक्षण अनुभव प्रदान करता है। हमारे कार्यक्रम आधुनिक बैंकिंग उद्योग की उभरती जरूरतों के अनुरूप हैं, तथा प्रतिभागियों को व्यावसायिक उत्कृष्टता के लिए आवश्यक कौशल और अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
कक्षा कार्यक्रम प्रस्ताव |
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वरिष्ठ बैंकिंग अधिकारियों के लिए डिजिटल बैंकिंग कार्यक्रम। |
शाखा प्रबंधकों के लिए डिजिटल बैंकिंग कार्यक्रम। |
बैंकिंग अधिकारियों के लिए डिजिटल बैंकिंग कार्यक्रम। |
सभी के लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता पर डिजिटल बैंकिंग कार्यक्रम |
आईटी और साइबर सुरक्षा पर डिजिटल बैंकिंग कार्यक्रम और बीएफएसआई में उभरते रुझान। |
क्रेडिट अधिकारियों के लिए ऑफिस 365 अनुप्रयोगों पर डिजिटल बैंकिंग प्रोग्राम. |
ऑफिस 365 अनुप्रयोगों पर डिजिटल बैंकिंग प्रोग्राम. |
ओराकल 19सी डेटाबेस प्रशासन और पीएल/एसक्यूएल पर कार्यक्रम। |
आईटी डोमेन में काम करने वाले अधिकारियों के लिए परियोजना प्रबंधन पर कार्यक्रम |
वेबिनार प्रस्ताव |
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डिजिटल बैंकिंग में वर्तमान रुझान: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, ब्लॉकचेन, आईओटी, मेटावर्स) |
आईटी और साइबर सुरक्षा जागरूकता |
फिनटेक फंडामेंटल: वित्त के भविष्य को नेविगेट करना |
डेटा गवर्नेंस अनिवार्य: अपने डेटा की सुरक्षा और लाभ उठाना |
डिजिटल बैंकिंग में डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाना |
एपीआई बैंकिंग को समझना |
माइक्रोसॉफ़्ट एमएस ऑफिस 365 (शरेपोइंट / एमएस टीम्स/डेल्व/पावरपोईंट / एक्सेल) को समझना |
एमएस ऑफिस 365: उन्नत एक्सेल |
हमारी विशेषज्ञता: विभिन्न बैंकिंग, वित्तीय संस्थानों और सरकारी अधिकारियों के लिए अनुकूलित (सिस्टम संबंधित) कार्यक्रम
नामांकन
कृपया सम्पूर्ण विवरण के साथ संलग्न नामांकन फॉर्म jdtr.sbiit@sbi.co.in को मेल के माध्यम से भेजें । (नामांकन फॉर्म)
भुगतान के तरीके
- एनईएफटी/आरटीजीएस के माध्यम से सीधे हमारे खाते में:
लाभार्थी का नाम : SBIIT Drawing A/c
खाता संख्या : 10009420557
बैंक / शाखा : SBI, PBB Banjara Hills
आईएफएससी कोड: SBIN0008022
(कृपया नामांकन पत्र में दर्ज करने के लिए UTR को नोट कर लें )
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प्रतिभागियों के विचार
- आनुमानिक विश्लेषण में, संचालन में, विश्लेषिकी में, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और ग्राहक संबंध अनुप्रयोगों में मशीन लर्निंग के उपयोग के बारे में सीखा ।
- वर्चुअलाइजेशन और क्लाउड कंप्यूटिंग कार्यक्रम की सामग्री को उत्कृष्ट रूप से डिजाइन किया गया है जिसमें सभी महत्वपूर्ण ज्ञान क्षेत्रों को शामिल किया गया है। अनुभवी, जानकार और अच्छी तरह से वाकिफ फैकल्टी इस कार्यक्रम की विशेषता है।
- एजाईल/स्क्रम/डेवोप्स पर बहुत अच्छी तरह से तैयार और बहुत ही कुशल तरीके से निष्पादित कार्यक्रम । संकाय ने सत्र को दिलचस्प बनाने में कोई कमी नहीं रहने दी एवं सभी प्रतिभागियों की रुचि को बनाए रखा ।
- आईएस और साइबर सुरक्षा पर तेज, लचीला एवं उत्कृष्ट परिणाम उन्मुख शिक्षण कार्यक्रम जिसमें बैंक के व्यापार प्रदर्शन पर इसके प्रभाव के बारे में भी बताया गया ।
- डिजिटल बैंकिंग कार्यक्रम में डिजिटल बैंकिंग के नए रुझानों को बहुत अच्छी तरह बताया गया एवं संकाय भी उत्कृष्ट था ।
ब्याज दर
2.70% प्रति वर्ष.
से प्रभावी>3.00% प्रति वर्ष.
10 करोड़ रुपए व अधिक, 15.10.2022 से प्रभावी
2.70% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ से कम शेष राशि
3.00% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ और अधिक शेष राशि
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Criteria
- Features
- Eligibility
- Terms and Conditions
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