SBIRB Hyderabad - Strategic Training Unit
स्टेट बैंक इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल बैंकिंग, हैदराबाद
स्टेट बैंक इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल बैंकिंग, हैदराबाद
हमारे बारे में
स्टेट बैंक इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल बैंकिंग (एसबीआईआरबी) आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित संस्थान भारतीय स्टेट बैंक का एक शीर्ष प्रशिक्षण संस्थान है।
भारत का प्रमुख वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक, देश भर में स्थित अपनी 15000 से अधिक ग्रामीण शाखाओं के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेज करने के लिए वित्तीय सहायता का विस्तार करके ग्रामीण बैंकिंग और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रहा है। जमीनी स्तर के अनुभव ने हमें ग्रामीण कार्यकलापों में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद की है । शिक्षा, अनुसंधान और सहयोग के लिए अत्याधुनिक सुविधा सम्पन्न ‘आईजीबीसी ग्रीन बिल्डिंग नॉर्म्स ' के मानकों को पूरा करने वाले एक हरे-भरे परिसर में हैदराबाद में स्थित एसबीआईआरबी के माध्यम से विशेषज्ञता विकसित करने और ग्रामीण बैंकिंग और वित्तीय समावेशन के लिए अपेक्षित कौशल को सम्मानित करने के लिए क्षमता निर्माण किया जा रहा है । साथ ही आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास कराते हुए कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर देने , कटाई के बाद पारिस्थितिकी तंत्र और प्रौद्योगिकी प्रसार में नवाचारों को बढ़ावा देने एवं चुनौतीपूर्ण कार्यात्मक और व्यवहारात्मक दोनों क्षमताओं का निर्माण करने का कार्य भी किया जा रहा है ।
संचालन के जमीनी स्तर के अनुभव के साथ, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के क्षेत्र में विशेषज्ञता और विशेष रूप से ग्रामीण बैंकिंग, सूक्ष्म वित्त और वित्तीय समावेशन में कार्यरत कार्यपालकों के कौशल को विकसित करने के लिए हम पिछले चार दशकों से क्षमताओं का विकास कर रहे हैं और अब तक भारत में बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, वाणिज्यिक और निजी बैंकों के हजारों कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। हमारे द्वारा सार्क क्षेत्र के संगठनों के लिए विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन एवं एशिया और अफ्रीका क्षेत्र के छात्रों और बैंकरों का आदान-प्रदान का कार्य भी किया जाता रहा है ।
हमारा संस्थान कार्यशालाओं का संचालन करने के लिए आदर्श है; प्रशिक्षण कार्यक्रम या तो हमारे नियमित पाठ्यक्रम सूची से चुने जा सकते हैं या लक्ष्य समूह के मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम सामग्री को डिजाइन/अनुकूलित किया जा सकता हैं । हमारे संकाय में उत्कृष्ट अकादमिक पृष्ठभूमि वाले अनुभवी बैंकर शामिल है ।
“आँखों देखकर ही विश्वास करें” के आदर्श वाक्य को साबित करने और स्व-अनुभव के आधार पर सीखने के सिद्धांत को कार्यान्वित करने के उद्देश्य से SBIRB प्रतिभागियों के लिए व्यावहारिक प्रदर्शन के विभिन्न डेमो गतिविधियों का संचालन करता है ।
- पॉली हाउस, ग्रीन हाउस में सब्जी और फूलों की खेती
- वर्मीकंपोस्ट यूनिट, पंचगव्य इकाई
- लाइव वाटरशेड
- ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली
- हाइड्रोपोनिक्स, वर्टिकल गार्डन, सुगंध और औषधीय पौधा उद्यान
- तेल निकालने की घनी
- मशरूम की खेती
विजन स्टेटमेंट
ग्रामीण विकास में प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए प्रतिबद्ध एक प्रमुख संस्थान साबित होना
उद्देश्यों
- बैंकरों को कौशल और ज्ञान से लैस करना।
- ग्रामीण बैंकिंग के लिए आवश्यक अभिविन्यास प्रदान करना।
- ग्रामीण परिवेश के लिए बैंकरों को जागरूक करना
प्रशिक्षण पद्धति
इसमें व्याख्यान, समूह चर्चा, भूमिका नाट्यरूप, ऑडियो-विजुअल एड्स, केस स्टडीज, परिसर के डेमो भूखंडों में अवलोकन, कृषि क्षेत्र के दौरों समेत संरचित अभ्यास शामिल हैं।
संकाय
दिवाकर झा, एमएससी (फिजिक्स), एमसीए (इग्नू), एमबीए (आईआईटी आईएसएम धनबाद) के साथ साथ सीएआईबी भी उत्तीर्ण हैं । श्री झा 1989 में एसबीआई में शामिल हुए थे और उन्होने आईआईबीएफ, एनएमएसएम से कई प्रमाणपत्र प्राप्त करने के साथ मूडीज से सर्टिफिकेशन इन कमर्शियल क्रेडिट (सीआईसीसी) का प्रमाणपत्र भी प्राप्त किया हुआ है। उन्हें शाखा संचालन, वित्तीय समावेशन और प्रशिक्षण में व्यापक अनुभव प्राप्त है । वे भारत में कार्यरत बैंकरों, कंपनियों के अधिकारियों (व्यापार प्रतिनिधियों ) के लिए सत्र प्रशिक्षण संभालते है । उनके विशेषज्ञता के क्षेत्र में एसएचजी, वित्तीय समावेशन, उत्पादन ऋण एवं खुदरा ऋण शामिल हैं।
डॉ एन पद्मनाभ पिल्लई, M.Sc; पीएचडी ने वर्ष 2002 में बैंक ज्वाइन किया था। वे फ्लोरीकल्चर में विशेषज्ञता के साथ बागवानी में डॉक्टरेट है। उन्होंने आईआईबीएफ और एनआईएसएम के कई सर्टिफिकेट कोर्स पूरे किए हैं। उनके पास ग्रामीण, अर्ध शहरी शाखाओं और मध्य पूर्व में विभिन्न कार्यों का एक्सपोजर है । उनके रुचि क्षेत्रों में निवेश ऋण, विशेष रूप से उच्च तकनीक कृषि जैसे पॉली हाउस वित्तपोषण, कोल्ड स्टोरेज आदि का वित्तपोषण शामिल हैं । उन्होंने मत्स्य उद्योग और किसान उत्पादक संगठनों पर शोध अध्ययन किया । उन्होंने देश भर के वाणिज्यिक बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अधिकारियों के लिए बागवानी वित्तपोषण, औषधीय और सुगंधित पौधों के कृषि के लिए वित्तपोषण आदि विषयों पर कई कार्यक्रमों का समन्वय किया है । उन्होंने बागवानी पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी भी आयोजित की है जिसमें कई प्रख्यात वैज्ञानिक/उद्यमियों ने भाग लिया। उन्होंने उच्च मूल्य वाले कृषि ऋण, कृषि में आईओटी आदि के वित्तपोषण पर भारतीय रिजर्व बैंक, इक्रीसैट जैसे बाहरी संगठनों द्वारा प्रदान किए जाने वाले कई प्रशिक्षणों में भाग लिया है । उन्होने बैंक के अंदर और बाहर "गो-ग्रीन" जैसे कई पर्यावरण बचाओ अभियानों में अपना योगदान दिया है ।
के. ए. वी. एस प्रसाद जी, रूरल स्टडीज में स्नातकोत्तर डिग्री , एमबीए (मार्केटिंग एंड फाइनेंस), एमफिल (बिजनेस मैनेजमेंट) और सीएआईआईबी उत्तीर्ण हैं । उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1991 में एक रीजनल रूरल बैंक (आरआरबी) से की थी। बाद में उन्होंने 1992 में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद ज्वाइन किया। श्री प्रसाद ने कृषि क्षेत्र अधिकारी, शाखा प्रबंधक, एसएमई प्रभाग प्रबंधक, संकाय आदि विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने कृषि, वैयक्तिक और एमएसएमई क्षेत्रों में विभिन्न पदों पर कार्य किया है ।
उत्तम कुमार ने 2002 में भारतीय स्टेट बैंक में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में योगदान दिया था। उन्हें एग्री फील्ड ऑफिसर, एसएमई फील्ड ऑफिसर, चीफ मैनेजर (कॉर्पोरेट सैलरी पैकेज), ब्रांच हेड आदि जैसी विभिन्न भूमिकाओं का व्यापक अनुभव है । एसबीआईआरबी में योगदान देने से पूर्व, उन्होंने एजीएम (पीबीबीयू), के रूप में स्थानीय प्रधान कार्यालय, तिरुवनंतपुरम में कार्य किया है।
श्रीनिवासु लिंगमपल्ली, (सहायक महाप्रबंधक, संकाय), जुलाई 1998 में कैशियर/क्लर्क के रूप में बैंक में शामिल हुए थे और दिसंबर 2003 में अधिकारी कैडर में पदोन्नत हुए थे। वे कॉमर्स, मार्केटिंग और फाइनेंस में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उन्हें पर्याप्त परिचालन अनुभव प्राप्त है और उन्होंने 2006 से लगातार 8 शाखाओं में शाखा प्रमुख के रूप में काम किया है जिसमें यूएई में 4 वर्षों का विदेशी असाइनमेंट भी शामिल है। एसबीआईआरबी में शामिल होने से पूर्व उन्होंने चित्तूर क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में काम किया है। उन्होंने 10.08.2022 को एसबीआईआरबी में रिपोर्ट किया है।
प्रज्ञान ज्योति साहू, (मुख्य प्रबन्धक संकाय) एमबीए (फाइनेंस) और सीएआईआईबी उत्तीर्न हैं। वे 2008 में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में भारतीय स्टेट बैंक में शामिल हुईं थी । उन्होंने कमर्शियल क्रेडिट ग्रुप में काफी दिनों तक काम किया है। उन्होंने एजीआर, पीईआर, एमएसएमई और उच्च मूल्य अग्रिमों को कवर करने वाले विभिन्न असाइनमेंट में भी कार्य किया है। एसबीआईआरबी में शामिल होने से पहले, उन्होंने आरबीओ पुणे में आरएसीसी प्रमुख के रूप में काम कर रही थी
पुव्वाडा कोटेश्वर राव, मुख्य प्रबंधक और संकाय, मई 2009 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुए थे। उन्होंने एमबीए उत्तीर्न किया हुआ है। एसबीआईआरबी में शामिल होने से पहले, उन्होंने एसबीआईएलडी मसुलीपट्टनम में संकाय के रूप में काम कर चुके है। इससे पूर्व वे विभिन्न क्षमताओं में बैंक के मिड-कॉर्पोरेट ग्रुप, रिटेल और डिजिटल बैंकिंग डिवीजनों में काम कर चुके है।
श्री सुधीर कुमार झा वर्ष 2007 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुए थे। वे भौतिकी में स्नातक हैं और आईआईबीएफ से सीएआईआईबी(दोनों भाग), एडवांस वेल्थ मैनेजमेंट कोर्स (पूर्व में पीजीडीएफए) के पाठ्यक्रम पूरे कर चुके हैं। उन्हें बैंकिंग का समृद्ध अनुभव है। उन्होंने 9 साल तक विभिन्न श्रेणी की शाखाओं में शाखा प्रमुख के रूप में काम किया हुआ है।
अनुपमा कर, मुख्य प्रबंधक और संकाय, जून 2006 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुईं थी। उन्होंने बागवानी में स्नातकोत्तर किया है। एसबीआईआरबी में शामिल होने से पहले, उन्होंने एनबीजी में विभिन्न क्षमताओं में काम किया है।
श्री श्याम प्रसाद सित्रा, मुख्य प्रबंधक और संकाय, 1996 में क्लर्क सह कैशियर के रूप में बैंक में शामिल हुए थे। उन्होंने एमएससी जूलॉजी में स्नातकोत्तर किया है। उन्होंने सीएआईआईबी दोनों भागों को भी पूरा कर लिया है। एसबीआईआरबी में शामिल होने से पहले, वे एनबीजी समूह में शाखा, आरबीओ स्तर और अन्य क्षमताओं में मुख्य प्रबन्धक के रूप में काम कर चुके है।
श्री अजय शशिकांत महाजन, मुख्य प्रबंधक (संकाय) ने 20.09.2022 को एसबीआईआरबी में योगदान दिया है। वे डेयरी प्रौद्योगिकी में स्नातक हैं। उन्होंने इग्नू से एमबीए (बैंकिंग एंड फाइनेंस) पूरा किया हुआ है। वे सीएआईआईबी के साथ साथ एसबीआई जनरल इंश्योरेंस से सीआईएफ भी पूरा कर चुके है। वे 01.03.2011 को परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुए थे। उन्होंने पिंपलगांव एसएबी एवं विजयनगर चौक शाखाओं में शाखा प्रबंधक और आरएसीसी, कुडाल में प्रबंधक स्वीकृति के रूप में काम किया है। उन्होंने अकोला शाखा में मुख्य प्रबंधक के रूप में भी काम किया है।
वी. कृष्ण मोहन, सहायक महाप्रबंधक (संकाय) 14.07.2023 को एसबीआईआरबी में शामिल हुए।
1988 में बैंक में शामिल हुए और 1997 में प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में अधिकारी संवर्ग में पदोन्नत हुए, आंध्र विश्वविद्यालय से बी.एससी पूरा किया।
सीएआईआईबी पूरा किया, और आईआईबीएफ से कई सर्टिफिकेट कोर्स जैसे एडवांस्ड वेल्थ मैनेजमेंट प्रोग्राम (पूर्व में पीजीडीएफए), केवाईसी/एएमएल, बीसीएसबीआई, बैंकर्स के लिए एसएमई, ट्रेड फाइनेंस, डिप्लोमा इन हाउस लोन एडवाइजिंग आदि।
बॉम्बे लॉ यूनिवर्सिटी से साइबर लॉ में डिप्लोमा पूरा किया।
एसबीआई लाइफ, एसबीआई जनरल और म्यूचुअल फंड पर प्रमाणन पाठ्यक्रम पूरा किया।
स्थानीय प्रधान कार्यालय और आरएसीपीसी सहित ग्रामीण, अर्ध-शहरी, शहरी और मेट्रो सभी श्रेणियों की शाखाओं में काम किया
4 शाखाओं के लिए शाखा प्रमुख के रूप में कार्य किया।
4 वर्षों तक एसबीआईएलडी, विजयनगरम में फैकल्टी और बीएस ट्रेनर के रूप में काम किया।
3 वर्षों तक ओंगोल क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक और एक वर्ष के लिए वित्तीय समावेशन सूक्ष्म बाजार क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में कार्य किया।
श्री धीरज कुमार, मुख्य प्रबंधक(संकाय), 2006 में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में शामिल हुए। वह ग्रेजुएट (बीएससी मैथ ऑनर्स) हैं और उन्होंने बैंकिंग और फाइनेंस में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री भी की है। उन्होंने सीएआईआईबी (दोनों भाग) और मूडीज सर्टिफिकेट इन कमर्शियल क्रेडिट (सीआईसीसी) किया है।
उनके पास बैंकिंग परिचालन में 17 वर्षों से अधिक का अनुभव है, जिसमें से अधिकांश क्रेडिट क्षेत्र में है। उन्होंने फील्ड ऑफिसर (एसएमई), शाखा प्रबंधक और आरएमएमई के रूप में काम किया है। उन्होंने कृषि वाणिज्यिक शाखा, पुणे में भी काम किया है, जहां उन्होंने निवेश ऋण के अलावा पोर्टफोलियो खरीद और सह ऋण व्यवसाय के माध्यम से एनबीएफसी फंडिंग में व्यापक अनुभव प्राप्त किया है।
वह अगस्त 2023 में संकाय के रूप में एसबीआईआरबी में शामिल हुए।
श्री अरुण सिंघाटिया, मुख्य प्रबंधक (संकाय), मई 2009 में परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में बैंक में शामिल हुए। वह एमबीए (बैंकिंग और वित्त), बी.वी.एससी. हैं। एवं ए.एच. (स्वर्ण पदक विजेता), सीएआईआईबी। उनके पास साइबर अपराध और धोखाधड़ी की रोकथाम, आईटी सुरक्षा, प्रमाणित सूचना प्रणाली बैंकर, डिजिटल बैंकिंग, एएमएल और केवाईसी, ग्राहक सेवा और बीसीएसबीआई, विदेशी मुद्रा संचालन, प्रमाणित ट्रेजरी प्रोफेशनल, वित्तीय सेवाओं में जोखिम (सीआईएसआई लंदन) में प्रमाणन भी है।
बैंक में विभिन्न कार्यों के दौरान, उन्होंने फील्ड ऑफिसर, आरबीओ में उप प्रबंधक (ऋण), दो ग्रामीण शाखाओं में शाखा प्रबंधक, प्रबंधक (ऋण प्रसंस्करण सेल), टीम योनो (डिजिटल परिवर्तन और ई-कॉमर्स विभाग) में सहायता अधिकारी के रूप में काम किया। अहमदाबाद में मुख्य प्रबंधक (शाखा प्रमुख) और मुख्य प्रबंधक (बिक्री और व्यवसाय विकास)। वह 10/07/2023 को टीम एसबीआईआरबी में शामिल हुए हैं
श्री पी रविकुमार, मुख्य प्रबंधक (संकाय), 10.10.1998 में सहायक (ए/सी एवं कैश) के रूप में बैंक में शामिल हुए और 10.11.2006 को जेएमजीएस I (फास्ट ट्रैक) के रूप में अधिकारी कैडर में प्रवेश किया। उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय से बी.कॉम डिग्री और बी.एल. डिग्री पूरी की थी। वह वर्ष 1992 में सिविल और आपराधिक कानून यानी आईपीसी और भारतीय अनुबंध अधिनियम दोनों में विश्वविद्यालय के टॉपर थे। उन्होंने एयू अध्ययन केंद्र एचेरला से कानून (आपराधिक कानून) में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की थी। उन्होंने IIBF से अपना CAIIB दोनों भागों के साथ-साथ प्रमाणन पाठ्यक्रम भी पूरा किया जैसे: बैंकर्स के लिए एमएसएमई फाइनेंस, माइक्रो फाइनेंस, बीसीएसबीआई, एएमएल और केवाईसी। उनके पास कृषि क्षेत्र अधिकारी, एसएमई में सीएसओ, स्केल II, स्केल III और स्केल IV में ब्रैच हेड के रूप में कार्य अनुभव था। उन्होंने एलसीपीसी चेन्नई में अपनी सेवा प्रदान की और एसबीआईएलडी विजयनगरम में संकाय के रूप में चार साल (2014-2018) का अनुभव दिया, उन्होंने एसबीए गुड़गांव से बीएस संकाय प्रमाणित किया है। उन्होंने विभिन्न भूमिकाओं में काम किया जैसे: सीएम (लीमा), पीबीबीयू, एलएचओ महाराष्ट्र, आरएसीसी नायगांव बाजार के सीएम शाखा प्रमुख, एसएमई गहन नांदेड़ मुख्य शाखा के सीएम और शाखा प्रमुख, नवगठित ए.ओ. नांदेड़ में सीएम एचआर। उन्होंने तीन सर्किलों, अमरावती, चेन्नई और महाराष्ट्र सर्किलों में काम किया। उन्होंने सीताय्यापेटा, येरागोंडापलेम, एलसीपीसी चेन्नई, एलसीपीसी विजयवाड़ा, आरबीओ विजयवाड़ा, नंदीगामा शहर, एसएमई पटामाता, एसबीआईएलडी विजयनगरम, वागू सेंटर (विजयवाड़ा), एलएचओ महाराष्ट्र, आरएसीसी नायगांव बाजार, नांदेड़ मेन और नांदेड़ ए.ओ. में काम किया।
03.06.2022 को एसबीआईआरबी हैदराबाद में संकाय के रूप में रिपोर्ट किया गया।
अनुसंधान अधिकारी
सुश्री एन वाणी मानस गंगोत्री, मैसूर से खाद्य विज्ञान और पोषण में स्नातकोत्तर हैं । उन्होने 1999 में बैंक में अपना योगदान दिया था एवं उन्हें ग्रामीण, अर्ध शहरी और शहरी केंद्रों में विभिन्न श्रेणी की शाखाओं का नेतृत्व करने में विविध अनुभव प्राप्त है । उनके रुचि के क्षेत्रों में कृषि बैंकिंग, वित्तीय समावेशन और सूक्ष्म वित्त शामिल हैं एवं उन्हें मण्डल प्रमुख द्वारा अपने मॉड्यूल में सबसे अधिक स्वयं सहायता समूह लिंकेजेस के वित्तपोषण के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है। ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उभरती प्रवृत्तियों एवं उनके कार्यान्वयन के लिए सरकारी पहलों में उनकी विशेष रुचि रहती हैं । वे स्वेच्छा से कई "स्वच्छता अभियान" कार्यक्रमों में सहभागिता जर चुकि हैं ।
महादेव त्र्यंबक काकडे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना से पोमोलोजी ( फल और उसकी खेती का अध्ययन ) में स्पेशलाइजेशन के साथ हॉर्टिकल्चर में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उन्होंने SBI Life,ACE के साथ सीएआईआईबी और अन्य सर्टिफिकेट कोर्स पूरे किए हुए हैं । श्री काकडे ने 2007 में बैंक ज्वाइन किया था और उन्होंने शाखा संचालन और खुदरा बैंकिंग में काफी अनुभव प्राप्त है ।
उपलब्ध पाठ्यक्रम
उपलब्ध पाठ्यक्रम: कृषि में
Sl No | पाठ्यक्रम का नाम |
---|---|
1 | Investment credit in Agriculture |
2 | Agri Finance Program for Branch Managers |
3 | Exposure Program on Farmer Producer Organizations (FPOs) for senior officers |
4 | New Business Models in Agri finance |
5 | Emerging areas in Agriculture/ Agri. Allied activities |
6 | Orientation program on Asset Quality & NPA Management |
7 | Medicinal & Aromatic plants – Scope for Commercial Finance |
8 | Financing of Commercial Poultry |
9 | Programme on Commercial Dairy Finance |
उपलब्ध पाठ्यक्रम : वित्तीय समावेशन & लघु वित्त
Sl No | पाठ्यक्रम का नाम |
---|---|
1 | TTT Program for Business Correspondents on FI. |
2 | Advanced Program on Micro Finance, Financial Inclusion and Livelihoods Finance |
3 | Advanced Program on Mudra Loans: Models of Finance |
4 | Foundation program on Micro finance and financial inclusion |
नामांकन
कृपया संलग्न नामांकन पत्र को पूर्ण विवरण के साथ dgmra.sbirb@sbi.co.in को ई-मेल द्वारा भेज दें ।(नामांकन पत्र)
भुगतान माध्यम
- एनईएफटी/आरटीजीएस के माध्यम से हमारे खाते में:
लाभार्थी का नाम: SBIRD Collection A/c
खाता संख्या: 10222811059
बैंक/शाखा: एसबीआई, एचयूसी शाखा
आईएफएससी कोड: SBIN0005916
(कृपया नामांकन फार्म के लिए यूटीआर संख्या नोट कर लें )
हमसे संपर्क करें
प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में किसी भी प्रकार के सामान्य सूचना के लिए निम्न से संपर्क करें :
ई-मेल आईडी : dgmra.sbirb@sbi.co.in
संपर्क संख्या : 91 40 23463332
संपर्क संख्या : +91 40 23463304
लोकेशन मैप
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विपरीत
लिंगमपल्ली
हैदराबाद - तेलंगाना
पिन - 500 019
ईमेल: director.sbirb@sbi.co.inसंपर्क नंबर
+91 40 23463322
Google Map :
मैप देखें
इन्फ्रास्ट्रक्चर
Participants’ Voice
- फेज़-II पीओ कार्यक्रम: " एसबीआईआरबी में संकाय, बुनियादी ढांचा, आतिथ्य और विषयों की डिलीवरी उत्कृष्ट हैं। इस कार्यक्रम ने हमारे आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ाया है और एसएमई क्रेडिट के प्रति हमारी धारणा बदल दी है ।“
- नेपाल एसबीआई बैंक लिमिटेड, अधिकारियों के लिए निवेश ऋण पर कार्यक्रम : "कार्यक्रम में भाग लेने वाले अधिकारियों ने विषयों की डिलीवरी और कवरेज की सराहना की । प्रतिभागियों ने संकाय की सराहना की है और विश्वास व्यक्त किया है कि यह कार्यक्रम निश्चित रूप से उन्हें नेपाल केंद्रीय बैंक द्वारा दिए गए कृषि ऋण लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा ।
- प्रतिभागी जो पहली बार शाखा प्रबन्धक बने थे और कृषि गहन शाखाओं का नेतृत्व कर रहे थे : "प्रतिभागियों ने व्यक्त किया है कि कृषि ऋण के बारे में उनकी समझ , कृषि के लिए ऋण के महत्व और ग्रामीण व्यापार के बारे में उनकी धारणा कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पूरी तरह से बदल गई है."
- व्यापार प्रतिनिधि अधिकारी: "संकाय द्वारा साझा बैंकिंग ज्ञान की मूल बातें निश्चित रूप से उन्हें ग्राहक सेवा प्रदाताओं को सही परिप्रेक्ष्य में प्रशिक्षित करने में मदद करेंगी। इसके अलावा, ग्राहक सेवा और ग्राहक जागरूकता के महत्व पर प्रदान किया गया ज्ञान निश्चित रूप से भारत सरकार की वित्तीय समावेशन पहलों के सूक्ष्म उद्देश्य को पूरा करेगा।
ब्याज दर
2.70% प्रति वर्ष.
से प्रभावी>3.00% प्रति वर्ष.
10 करोड़ रुपए व अधिक, 15.10.2022 से प्रभावी
2.70% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ से कम शेष राशि
3.00% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ और अधिक शेष राशि
STU-Other-Product-Slider
Criteria
- Features
- Eligibility
- Terms and Conditions
ब्याज दर
2.70% प्रति वर्ष.
से प्रभावी>3.00% प्रति वर्ष.
10 करोड़ रुपए व अधिक, 15.10.2022 से प्रभावी
2.70% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ से कम शेष राशि
3.00% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ और अधिक शेष राशि