पेंशन संबंधी प्रायः पूछे जानेवाले प्रश्न - Faq's
पेंशन संबंधी प्रायः पूछे जानेवाले प्रश्न
पेंशन संबंधी प्रायः पूछे जानेवाले प्रश्न
उ: हाँ, कोई भी पेंशनभोगी एसबीआई से अपना पेंशन पा सकते है यदि वह केंद्र सरकार/ राज्य सरकार का या स्वायत्त निकाय के पेंशनभोगी हो जिसकी हमारे बैंक के साथ पेंशन के भुगतान की व्यवस्था है।
उ: हाँ। ऐसे सरकारी कर्मचारी भी जो पूर्व में किसी ट्रेजरी या डाक-घर से पेंशन प्राप्त कर रहे थे,अपना पेंशन अधिकृत बैंक की शाखाओं से प्राप्त कर सकते हैं।
उ: पेंशनभोगी अपना बचत/ चालू खाता अब तक के समान ही अपनी पसंद / सुविधानुसार (होम ब्रांच ) शाखा (होम ब्रांच) में खोलेंगे।
उ: सेवानिवृत्त होने वाले व्यक्ति को किसी एसबीआई की शाखा में खाता खोलकर अपने पेंशन संस्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी को अपना पेंशन खाते का नंबर तथा शाखा की सूचना देनी चाहिए जिससे कि उसके पेंशन का भुगतान किया जा सके।
उ: पेंशनभोगी को अलग रूप से पेंशनखाता खोलने की जरूरत नहीं है। पेंशनभोगी द्वारा चुने गए किसी भी बैंक की शाखा में जहां उसका/ उसकी बचत/ चालू खाता पहले से ही विद्यमान हो,, में पेंशन जमा किया जा सकता है।
उ: पेंशनभोगी को एसबीआई की किसी सुविधाजनक शाखा में अपना खाता खोलकर अपने वर्तमान बैंकर को पेंशन संबंधी दस्तावेजों को एसबीआई के संबंधित केंद्रीय पेंशन प्रक्रिया केंद्र (सीपीपीसी) को पेंशन के भुगतान के लिए अग्रेषित करने के लिए संबंधित सरकारी प्राधिकारियों से अनुरोध करना चाहिए।
उ:(ए) पेंशनभोगी अपना पेंशनखाता किसी शाखा से उसी बैंक की दूसरी शाखा में उसी केंद्र या अन्य किसी केंद्र को अंतरित कर सकता है।
(बी) वह अपना खाता एक प्राधिकृत बैंक से किसी अन्य केंद्र में स्थित दूसरे प्राधिकृत बैंक में अंतरित कर सकता/ सकती है।
उ: हाँ। केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगी तथा ऐसी व्यवस्था को स्वीकारने वाले राज्य सरकारों के पेंशनभोगी अपने पति/ पत्नी के साथ संयुक्त खाता खोल सकते है।
उ: पति/ पत्नी के साथ के संयुक्त खाते को ''पूर्व का या उत्तरजीवी'' अथवा ''दोनों में से एक या उत्तरजीवी''रूप में संचालित किया जा सकता है।
उ: हाँ, दोनों में से एक या उत्तरजीवीपेंशन खाते को पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद भी जारी रखा जा सकता है बशर्ते कि पति/ पत्नी उत्तरजीवी हो तथा पेंशनभोगी के साथ उनका संयुक्त खाता हो तथा पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में फैमिली पेंशन के भुगतान हेतु जिसके पक्ष में प्राधिकार दिया गया हो।
उ: हाँ, पासबुक के पहले पृष्ठ पर पीपीओ नंबर के साथ अन्य विवरणों के मुद्रण कार्य सिस्टम द्वारा ही किया जाता है।
उ: पेंशनभोगी के की विकलांग/ अक्षम तथा भुगतान करने वाली शाखा में उपस्थित न हो पाने की स्थिति में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की छूट दी जाती है। ऐसे मामलों में बैंक का कोई अधिकारी पेंशनभोगी के घर/ अस्पताल में जाकर उनकी उनका पहचान करके, नमूना हस्ताक्षर या हाथ/ पैर के अंगूठे का निशान ले आता है।
उ: पेंशनभोगी जो बुजुर्ग, बीमार अथवा जो अपने दोनों हाथों को खो देने के कारण हस्ताक्षर नहीं कर सकता है, पेंशन खाता खोलने के फार्म पर किसी भी प्रकार का निशान या हाथ/ पैर के अंगूठे का निशान लगा सकता/ सकती है। पेंशन की राशि निकालते समय वे चेक/ आहरण फार्म पर हाथ/ पैर के अंगूठे का निशान लगा सकते है और बैंक को मान्य दो स्वतंत्र साक्षी द्वारा जिसमें से एक बैंक का अधिकारी हो,द्वारा उसकी पहचान की जाएगी ।
उ: क्या पेंशनभोगी द्वारा हस्ताक्षर न कर पाने की स्थिति में अथवा हाथ/ पैर के अंगूठे का निशान न लगा पाने की स्थिति में या बैंक में स्वयं उपस्थित न हो पाने कीस्थिति में उसके द्वारा अपने खाते से पेंशन का आहरण किया जा सकता है?
उ: उ. हाँ, निम्नानुसारः. (ए) पेंशनभोगी अपने घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सकते है बशर्ते कि उनके पास इंटरनेट सुविधायुक्त पीसी/ लैपटाप एवं पंजीकृत बायो-मेट्रिक डिवाइसउपलब्ध हो। .
(बी) गैर-वित्तीय लेन-देनों के लिए डोर-स्टेप बैंकिंग के तहत 70 वर्ष से अधिक के उम्र के पेंशनभोगियों तथा दिव्यांग अथवा दृष्टिबाधितों सहित दुर्बल व्यक्तियों (जिनके पास चिकित्सक द्वारा प्रमाणित दीर्घकालिक बीमारी या विकलांगता) के घर से जीवन प्रमाणपत्र ले आने की सुविधा बैंक द्वारा प्रदान की गई है।
उ: हाँ, निम्नानुसारः. (ए) पेंशनभोगी अपने घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सकते है बशर्ते कि उनके पास इंटरनेट सुविधायुक्त पीसी/ लैपटाप एवं पंजीकृत बायो-मेट्रिक डिवाइसउपलब्ध हो। .
(बी) गैर-वित्तीय लेन-देनों के लिए डोर-स्टेप बैंकिंग के तहत 70 वर्ष से अधिक के उम्र के पेंशनभोगियों तथा दिव्यांग अथवा दृष्टिबाधितों सहित दुर्बल व्यक्तियों (जिनके पास चिकित्सक द्वारा प्रमाणित दीर्घकालिक बीमारी या विकलांगता) के घर से जीवन प्रमाणपत्र ले आने की सुविधा बैंक द्वारा प्रदान की गई है।
उ: पेंशनभोगी पेंशन संबंधी सभी औपचारिकताओं जैसे कि अधिक भुगतान इत्यादि की वसूली के निमित्त अनिवार्य वचनपत्रों की प्रस्तुति को अपनी ने होम शाखा में पूरा करेंगे तथा केंद्रीय सिविल पेंशन के मामले मेंयदि नियत चिकित्सा भत्ता (एफएमए) के अनुदान हेतु अनुरोध किया गया है तो हर साल निर्धारित प्रारूप पर वचनपत्र प्रस्तुत करेंगे।
उ: पेंशन अदाकर्ता शाखा अपनी सुविधानुसार पेंशन का संवितरण महीने के अंतिम चार कार्य दिवस के दौरान करती है। सिर्फ मार्च महीना इसका अपवाद है जब पेंशन अप्रैल के प्रथम कार्य दिवस या उसके बाद जमा कराया जाता है।
उ: पेंशनभोगी का देहांत होने पर फैमिली पेंशन आरंभ होता है। फैमिली पेंशन पीपीओ में उल्लिखित व्यक्ति को उनके द्वारा मृत्यु प्रमाणपत्र तथा पेंशनभोगी के फैमिली के सदस्य द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने पर देय है।
उ: पेंशनभोगी के पेंशन का भुगतान जिस होम शाखा से किया गया हो वही फैमिली पेंशन के लिए भी संपर्क शाखा होगी । पेंशनभोगी के परिवार के सदस्य को, जिसका उल्लेख पीपीओ में किया गया है, को हर महीना पेंशन का भुगतान करने वाली शाखा में निम्नलिखित दस्तावेजों के साथ जाना हैः
- पेंशनभोगी का मृत्यु प्रमाणपत्र (मूल प्रति तथा एक फोटोकापी)। मूल प्रति को बैंक द्वारा सत्यापन के बाद लौटा दिया जाएगा।
- पुनः विवाह न करने का प्रमाणपत्र तथा रोजगार रहितता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना है। बैंक अधिकारी या किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा साक्ष्यांकित की गई मामूली घोषणा। संबंधित प्रारूप शाखा में उपलब्ध है।
- अन्य अनिवार्य़ प्रमाणपत्रों के साथ फैमिली पेंशनभोगी का जीवन प्रमाणपत्र तथा निर्धारित प्रारूप पर केंद्रीय सिविल पेंशनभोगी के मामले में नियत चिकित्सा भत्ता प्रदान किए जाने का वचनपत्र (बैंक को हर साल नवंबर के महीने में इन प्रमाणपत्रों तथा वचनपत्रों को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना है)
- सभी दस्तावेजों पर कार्रवाई पूरी हो जाने पर फैमिली पेंशन अगले महीने से आरंभ होगा तथा किसी भी बकाया राशि सहित उसका भुगतान किया जाएगा।
उ: सेवानिवृत्ति के समय पेंशनभोगी या तो नियत चिकित्सा भत्ता या केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) उपचार सुविधा का चयन कर सकते है।
ऐसे किसी केंद्र सरकारी पेंशनभोगी जो केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के सदस्य नहीं है तथा नियत चिकित्सा भत्ता का विकल्प चुना है,उन्हे नियत चिकित्सा भत्ता प्रदान किया जा सकता है और मासिक अंतराल पर उसका भुगतान किया जाएगा। इस संबंध में पेंशनभोगी को हर साल निर्धारित प्रारूप में अन्य आवश्यक प्रमाणपत्रों के साथ वचनपत्र प्रस्तुत करना है।
तथापि पेंशनभोगी यदि विकल्प को बदलना चाहे अथवा सीजीएचएस इत्यादि के प्रावधानों/ विवरणों के बारे में जानकारी चाहे तो वे अपने विभाग से संपर्क कर सकते है।
उ: सरकारी अनुदेशों के अनुसार विधिवत साक्षित जीवन प्रमाणपत्र हर साल नवंबर के महीने में पेंशन भुगतान करनेवाली शाखा को प्रस्तुत किया जाना है।
80 वर्ष की आयु से अधिक के वरिष्ठ पेंशनभोगियों के मामले में, सरकार ने हर साल नवंबर महीने के बदले में 01 अक्तूबर से उनके द्वारा जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए जाने अनुमत किया है। इसकी वैधता आगामी वर्ष के 30 नवंबर तक है।
जीवन प्रमाणपत्र के फार्म हमारी शाखाओं में उपलब्ध है या onlinesbi से डाउनलोड किया जा सकता है या सरकार के वेबसाइट cpao.nic.in से भी फार्म डाउनलोड किया जा सकता है। cpao.nic.in.
Ans: The pensioner can submit life certificate at any branch of the Bank either in person or through his/her authorized representative. The receiving official will acknowledge receipt of the Life Certificate.
उ: भारत सरकार के अनुदेशों के अनुसार किसी वर्ष के नवंबर महीने में जीवन प्रमाणपत्र के प्रस्तुत नहीं किए जाने पर नवंबर महीने से पेंशनभोगी को पेंशन का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए।
उ: पेंशन सिस्टम में जीवन प्रमाणपत्र के दर्ज किए जाने पर, बकाया राशि सहित पेंशन का भुगतान अगले पेंशन प्रक्रिया साइकल – सामान्यतः यह साप्ताहिक आधार पर होता है, के समय किया जाएगा।
उ: पेंशनभोगी को निम्नलिखित जानकारी प्रस्तुत करनी हैः
- आधार नंबर.
- वर्तमान पताः:
- टेलिफोन नंबर (यदि कोई है तो)
- मोबाइल नंबर (यदि कोई है तो) पेंशन स्लिप तथा अन्य उपयोगी सूचना एसएमएस के माध्यम से भेजने के लिए
- पीएएन नंबर (आय कर) टीडिएस की सही गणना हेतु आवश्यक.
- पति/ पत्नी की जन्मतिथि (प्रमाण सहित) यह सरकार की अपेक्षा है.
- ई-मेल पता, पेंशन संबंधी जानकारी अर्थात् मासिक पेंशन स्लिप आदि भेजने के लिए .
उ:
यह आधार आधारित जीवन प्रमाणपत्र का डिजिटल रूप से सत्यापित स्वरूप है।
भारत सरकार ने 10 नवंबर 2014 को पेंशनभोगियों के लिए “जीवन प्रमाण” नामक आधार आधारित डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की शुरूआत की। यह पहल पेंशनभोगियों द्वारा पेंशन वितरित करनेवाली शाखाओं या अपनी सुविधा के बैंक की किसी भी शाखा में प्रस्तुत किए जाने वाले कागजी जीवन प्रमाणपत्र की वर्तमान प्रणाली के अलावा है।
पेंशनभोगी अपने निकटतम सीएससी केंद्र, बैंक की शाखा या किसी सरकारी कार्यालय जिसके विवरण jeevanpramaan.gov.in के तहत “locate centre” में उपलब्ध कराया गया है, में जाकर रिएल टाइम आधार पर अपने पेंशन बैंक खाते संबंधी विवरण देते हुए आधार नंबर दर्ज करके बायोमेट्रिक रूप में अपना जीवन प्रमाणपत्र प्राधिकृत कर सकते है। .
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की सफलतापूर्वक प्रस्तुति पर पेंशनभोगी को अपने मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से लेन-देन आइडी दी जाएगी। पेंशनभोगी इस लेन-देन आइडी का उपयोग करके अपने अभिलेख हेतु jeevanpramaan.gov.in से कम्पयूटर द्वारा सृजित जीवन प्रमाणपत्र डाउन-लोड कर सकते है। .
यदि पेंशनभोगी चाहें तो तो हमेशा की तरह उनसे कागजी जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त किया जाएगा।
चूंकि यह पूरी व्यवस्था पूर्णरूप से आधार पर आधारित है, पेंशनभोगियों द्वारा प्रस्तुत जीवन प्रमाणपत्र को तभी प्राधिकृत किया जा सकता है जब उनके पेंशन खातों में आधार संख्या पहले से जोड़ दी गई हो।
उ:
हाँ, अनुलग्नक-XVII में निर्धारित प्रारूप में निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा हस्ताक्षरित जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए जाने पर पेंशनभोगी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट मिल सकती हैः
- दंड प्रक्रिया संहिता के तहत मेजिस्ट्रेट के अधिकारों का प्रयोग करनेवाला व्यक्ति
- भारतीय पंजीकरण अधिनियम के तहत नियुक्त रजिस्ट्रार या उप -रजिस्ट्रार
- राजपत्रित सरकारी कर्मचारी
- पुलिस थाना प्रभारी सब-इंसपेक्टर या उससे अधिकओहदे के पुलिस अधिकारी
- पोस्ट-मास्टर, विभागीय सब-पोस्टमास्टर या डाक-घरों के निरीक्षक;
- भारतीय रिजर्व बैंक का प्रथम श्रेणी का अधिकारी, भारतीय स्टेट बैंक या उसके समनुषंगी (दूसरी श्रेणी के अधिकारी सहित) का अधिकारी
- कोई पेंशनभोगी अधिकारी जो सेवानिवृत्ति के पूर्व मजिस्ट्रेट के अधिकार का प्रयोग करते थे।
- न्यायमूर्ति
- खण्ड विकास अधिकारी, मुंसिफ, तहसिलदार या नाइब तहसिलदार
- ग्राम पंचायत, गाँव पंचायत का मुखिया या गांव की कार्य़कारिणी समिति
- सांसद, राज्य विधानसभा, संघ शासित प्रदेशों के विधान सभा केसदस्य , सरकारों/ प्रशासकों के सदस्य
- राजकोष अधिकारी
सरकारी क्षेत्र के बैंकों से पेंशन पानेवाले पेंशनभोगियों के मामले में जीवन प्रमाण पत्र पर सरकारी क्षेत्र के बैंकों के अधिकारी हस्ताक्षर कर सकते हैं।
विदेश में निवास करने वाले तथा भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की दूसरी अनुसूची में सम्मिलित किसी बैंक से अपना पेंशन पाने वाले पेंशनभोगी के मामले में उस बैंक के किसी अधिकारी द्वारा जीवन प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
इसके अलावा जो पेंशनभोगी भारत के बाहर निवास करते हैऔर जिनके प्राधिकृत एजेंट द्वारा किसी मजिस्ट्रेट, नोटरी, बैंकर या दूतावास के प्रतिनिधि द्वारा हस्ताक्षरित जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया है, को विशेष रूप से उपस्थित होने से छूट प्रदान की गई है। ।
उ: एनआरआई पेंशनभोगी को पेंशन भुगतान शाखा में अपने एनआरआई होने संबंधी एक घोषणा प्रस्तुत करनी होगी। घोषणा के आधार पर मौजूदा खाते को अनिवासी - सामान्य (एनआरओ) खाते (एनआरआई के लिए एक प्रकार का खाता) में परिवर्तित किया जाएगा और एनआरआई पेंशनभोगी अपनी पेंशन भुगतान शाखा को भेजनाको हर साल नवंबर महीने में जीवन प्रमाण पत्र होगा।
एनआरई बचत बैंक/चालू खाते में पेंशन जमा करना
भारतीय रिजर्व बैंक एनआरआई/पीआईओ को भारत में किसी प्राधिकारी द्वारा भुगतान की गई पेंशन जैसी अपनी वर्तमान आय को उनके एनआरई बचत बैंक/चालू खाते में जमा करने की अनुमति देता है, बशर्ते अधिकृत डीलर इस बात से संतुष्ट हो कि क्रेडिट वर्तमान आय से प्राप्त हुआ है और इस आय पर आयकर कटौती/भुगतान/प्रावधान किया गया है, जैसा भी मामला हो।
एनआरई बचत बैंक/चालू खाते में अपनी मासिक पेंशन प्राप्त करने के इच्छुक एनआरआई/ पीआईओ ग्राहकों को प्रक्रिया शुरू करने के लिए 'एनआरई कर घोषणा' (फॉर्मेट के लिए कृपया पेंशन भुगतान शाखा से संपर्क करें) प्रस्तुत करनी होगी। यह घोषणा हर साल नवंबर महीने में 'जीवन प्रमाण पत्र' के साथ प्रस्तुत करनी होगी।
उ: विदेश में रहने वाले पेंशनभोगी के लिए जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की निम्नलिखित विधियां उपलब्ध हैं (DoPPW OM दिनांक 20.02.2020 के अनुसार।)
क. यदि वह भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की द्वितीय अनुसूची में शामिल किसी बैंक के माध्यम से पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, तो बैंक के विदेश स्थित कार्यालय के किसी अधिकारी द्वारा जीवन प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
ख. भारतीय दूतावास/भारतीय उच्चायोग/भारतीय वाणिज्य दूतावास का एक अधिकृत अधिकारी जीवन प्रमाण पत्र जारी कर सकता है।
ग. यदि पेंशनभोगी दूतावास/वाणिज्य दूतावास जाने में असमर्थ है तो वह दूतावास/वाणिज्य दूतावास को डाक द्वारा आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर सकता है, जिसके साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में असमर्थता संबंधी डॉक्टर का प्रमाण पत्र संलग्न किया जाए। भारतीय दूतावास/ उच्चायोग/ भारतीय वाणिज्य दूतावास भी पेंशनभोगियों / परिवार पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण प्रस्तुत करने में सहायता कर सकते हैं।
घ. पेंशनभोगी, जो भारत का निवासी नहीं है, जिसका जीवन प्रमाण पत्र एक अधिकृत एजेंट द्वारा प्रस्तुत किया जाता है और जिस पर मजिस्ट्रेट या भारतीय अधिकृत बैंक के अधिकारी या भारत के राजनयिक प्रतिनिधि द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं, को विशेष उपस्थिति से छूट है।
उ: मंत्रालय/ विभाग/ कार्य़ालय जिसमें सरकारी कर्मचारी ने काम किया है वही उसका पेंशन संस्वीकृतकर्ता प्राधिकारी है। पहली बार के लिए ऐसे प्राधिकारी द्वारा पेंशन का निर्धारण किया जाता है तथा उसके बाद पुनः वेतन निर्धारण, यदि कोई है तो, केंद्र/ राज्य सरकार के प्राधिकारियों के अनुदेशों के आधार पर पेंशन भुगतान करने वाले बैंक द्वारा किया जाता है।
उ: मंत्रालय/ विभाग/ राज्य सरकार के संबंधित पेंशन भुगतान/ संस्वीकृतकर्ता प्राधिकारी पीपीओ को उस बैंक में भेजते है जहां से पेंशनभोगी अपना पेंशन पाना चाहता हो।
उ: केंद्रीय पेंशन प्रक्रिया कक्ष (सीपीपीसी) में महीने की समाप्ति के एक सप्ताह पूर्व तक प्राप्त पीपीओ के संबंध में पेंशन का भुगतान उस महीने से आरंभ किया जाएगा।
उ: बैंक के केंद्रीय पेंशन प्रक्रिया कक्ष (सीपीपीसी) में महीने की समाप्ति के एक सप्ताह पूर्व तक प्राप्त पेंशन में संशोधन इत्यादि के कारण पेंशन की बकाया राशि को मासिक पेंशन के साथ भुगतान किया जाएगा।
उ: सरकार द्वारा जब कभी पेंशन/ फैमिली पेंशन पर अतिरिक्त महंगाई राहत में संशोधन किया जाता है, उसकी जानकारी एजेंसी बैंकों को उनके पेंशन भुगतान करनेवाली शाखाओं को संशोधित दरों पर राहत का भुगतान पेंशनभोगियों को बिना किसी विलंब करने के लिए उपयुक्त अनुदेश जारी करने के लिए सूचित किया जाता है। सरकारी विभागों द्वारा जारी आदेशों को उनके वेबसाइटों पर भी प्रदर्शित किया जाता है और बैंकों को अद्यतन अनुदेशों के लिए उनके वेबसाइट का अवलोकनकरने और भारतीय रिजर्व बैंक के अतिरिक्त आदेश के लिए प्रतीक्षा किए बिना तदानुसार कार्रवाई करने के लिए सूचित किया गया है।
उ संबंधित सरकारी विभाग के आधिकारिक वेबसाइट तथा भारतीय रिजर्व बैंक के वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर जाकर पेंशनभोगी पेंशन संबंधी मामलों की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
उ: हाँ, मासिक पेंशन स्लिप स्वचालित माध्यम के जरिए बैंक के पास उपलब्ध पेंशनभोगी के ई-मेल आईडी पर भेजा जाता है। अन्य मामलों में पेंशन स्लिप पेंशनभोगी द्वारा किसी भी पेंशन भुगतान करनेवाली शाखा से प्राप्त किया जा सकता है।
उ: एसएमएस पाने के लिए पेंशनभोगी को पेंशन भुगतान करनेवाली शाखा (होम ब्रांच) में जाकर पेंशन ऐपलिकेशन साफ्टवेअर में अपना मोबाइल नंबर अपलोड करने के लिए अनुरोध करना है।
पेंशनभोगी को नियमित आधार पर भारतीय स्टेट बैंक से एसएमएस के माध्यम से मासिक पेंशन के विवरण जैसे कि बेसिक पेंशन, महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, अन्य भत्ता, कम्यूटेशन, आयकर, जमा किया गया निवल पेंशन तथा कम्यूटेशन की राशि सहित ग्रेच्युटी भुगतान करने की तिथि प्राप्त होती है।
उ: अपनी समस्या का समाधान तथा सहायता के लिए पेंशनभोगी को किसी भी पेंशन भुगतान करनेवाली शाखा से संपर्क करना चाहिए। शाखा, यदि आवश्यक हुआ तो सीपीपीसी से आन-लाइन सहायता लेकर, उसका समाधान करेगी।
उ: पेंशनभोगी को एक वर्ष के दौरान भुगतान किए गए पेंशन की जानकारी पेंशन भुगतान कर्ता शाखा द्वारा केंद्रीकृत डाटाबेस से तथा “Pension Seva. SBI” वेब पोर्टल में उपलब्ध विवरण से प्राप्त करके दिया जाएगा। .
उ: पेंशनभोगियों के लिए पेंशनसेवा वेबसाइटः
सरकारी तथा स्वायत्त निकाय के पेंशनभोगियों के लिए 31.08.2018 को एक नया वेबसाइट https://www.pensionseva.sbi शुरू किया गया जिसमें पेंशनभोगी लाग-इन करके अपना पेंशन संबंधी विवरण देख सकते है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले पेंशन ऐप्लिकेशन में पेंशनभोगी का ई-मेल पंजीकृत है। पेंशन खाते में ई-मेल आईडी के जोड़े जाने के बाद पेंशनभोगी पेंशनसेवा वेबसाइट पर पंजीकृत कर सकते है। पेंशनसेवा वेबसाइट में “How Do I” टैब में एक बार पंजीकरण की प्रक्रिया दी गई है। लाग-इन के बाद पेंशनभोगी को प्रोफाइल विवरण, प्रमाणपत्र विवरण, जमा लेन-देन, बकाया राशि गणना पत्र, पेंशन स्लिप, फार्म 16, निवेश विवरण, इत्यादि विशेषताएं प्राप्त हो सकती हैं ।
उ: हाँ। पेंशनभोगी को पीपीओ का आधा हिस्सा अभिलेख हेतु अपने पास रखने का अधिकार है तथा बेसिक पेंशन, महंगाई राहत इत्यादि में संशोधन होने पर पेंशन भुगतान करनेवाली शाखा को पेंशनभोगी के पीपीओ का आधा हिस्सा मांगकर सरकार के आदेशों/ अधिसूचनाओं के आधार पर संशोधन करके पेंशनभोगी को उसे वापस करना चाहिए।
उ: सीपीपीसी द्वारा केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार (एसबीआई/ आईबीआई को छोड़कर) इत्यादि के सभी प्रकार के पेंशनभोगियों के पेंशन संबंधी कार्य किया जाता है। जिन मामलों में विशेष रूप से करार किया गया हो, वहां विशिष्ट स्वायत्त निकायों के पेंशन का भुगतान भी किया जाता है।
उ: संबंधित स्वायत्त निकाय को निकटतम शाखा से पेंशन भुगतान व्यवस्थाओं को निश्चित आकार देने तथा अंतिम रूप देने के लिए संपर्क करना चाहिए।
उ: हाँ। पेंशन भुगतान करनेवाली शाखा पेंशन आरंभ करें से पूर्व इस प्रयोजन हेतु निर्धारित प्रारूप पर पेंशनभोगी से वचनपत्र प्राप्त करता है। अतः किसी महत्वपूर्ण जानकारी के प्राप्त होने में विलंब के कारण या जानबूझकर न की गई गलती से पेंशनभोगी के खाते में जमा की गई अतिरिक्त राशि को वसूल किया जा सकता है। बैंक को मृतक पेंशनभोगी के कानूनी वारिसों/ नामितियों से उनके खाते में जमा किए गए अधिक पेंशन वसूल करने का भी अधिकार है।
उ: हाँ। आयकर अधिनियकम के अनुरूप कतिपय श्रेणी के विकलांगता पेंशन (अर्थात् भारतीय सशस्त्र बल के अक्षम अधिकारी के विकलांगता अंश एवं सेवा अंश) जिनको छूट दी गई है को छोड़कर व्यक्तिगत पुरुष या महिला तथा वरिष्ठ नागरिक के पेंशन पर टीडीएस लागू है।
उ: पेंशन भुगतान से आयकर प्राधिकारियों द्वारा समय-समय पर निर्धारित दरों के अनुसार स्रोत पर से आयकर की कटौती के लिए पेंशन भुगतान करने वाली शाखा जिम्मेदार है। पेंशन की राशि से ऐसे कर की कटौती करते समय, भुगतानकर्ता बैंक, पेंशनभोगी द्वारा प्रस्तुत की गई घोषणा के आधार पर, आयकर अधिनियम के तहत पेंशनभोगी को प्राप्त राहत के लिए भी छूट देता है। पेंशन भुगतान करनेवाली शाखा हर वर्ष अप्रैल के महीने में निर्धारित फार्म पर कर कटौती का प्रमाणपत्र जारी करती है।
उ: पेंशनभोगी को निवेश के विवरण पेंशन भुगतान करनेवाली शाखा में प्रस्तुत करना है। इस संबंध में टीडीएस के अधिक कटौती की संभावना से बचने के लिए यह सलाह दी जाती है कि पेंशनभोगी वित्त वर्ष के आरंभ में ही आयकर अधिनियम के तहत राहत के लिए पात्र निवेश एवं अन्य विवरणों को प्रस्तुत करें। शाखा तदनुसार कर की कटौती की व्यवस्था करेगी तथा पेंशन से आयकर की कटौती का प्रमाणपत्र जारी करेगी।
उ: पेंशनभोगी के परिवाद का समाधान पेंशन भुगतान करनेवाली शाखा द्वारा किया जाएगा। शाखा को सीपीपीसी की (यदि आवश्यकता है तो) आन-लाइन सहायता प्राप्त है। पेंशनभोगी को सीपीपीसी से सीधे संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है। .
उ: पेंशन भुगतान संबंधी स्पष्टीकरण के लिए पेंशनभोगी के पास निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैः
- 8008202020 को “UNHAPPY” एसएमएस भेजें
- हमारे समर्पित पेंशन हेल्पलाइन – 1800110009पर कॉल करें
- www.sbi.co.in पर आन-लाइन परिवाद दर्ज करें
- 180042503800 या 1800112211 पर हमारे संपर्क केंद्र पर कॉल करें
- gm.customer@sbi.co.in याdgm.customer@sbi.co.in पर ई-मेल भेजें
पेंशनभोगी को अपने परिवाद के समाधान के लिए सबसे पहले पेंशन भुगतान करनेवाली शाखा के शाखा प्रबंधक से तथा उसके बाद संबंधित बैंक के मुखयालय से संपर्क करना चाहिए। वे भारतीय रिजर्व बैंक की बैंकिंग लोकपाल योजना 2006 (विवरण बैंक के वेबसाइट www.rbi.org.in में उपलब्ध) के तहत संबंधित राज्य के बैंकिंग लोकपाल का भी सहयोग ले सकते है। यह सुविधा बैंकों द्वारा दी जानेवाली सेवाओं से संबंधित शिकायतों के लिए ही लागू है। अन्य मामलों के लिए शिकायतकर्ता को संबंधित पेंशन भुगतान प्राधिकारी से संपर्क करना है।
Last Updated On : Tuesday, 06-04-2021
ब्याज दर
2.70% प्रति वर्ष.
से प्रभावी>3.00% प्रति वर्ष.
10 करोड़ रुपए व अधिक, 15.10.2022 से प्रभावी
2.70% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ से कम शेष राशि
3.00% प्रति वर्ष.
रु 10 करोड़ और अधिक शेष राशि